गाय के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार आज खुद अपने शासन में गाय को नहीं बचा पा रही है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से गाय को एक अलग दर्जा मिला हुआ है जिसके बाद गौमाता के लिए अलग से बजट की भी व्यवस्था की गयी है तथा गाय की रक्षा के लिए जगह-जगह गौशाला भी बनाई गयी है जिससे योगी शासन में गाय सुरक्षित रह सके।
योगी आदित्यनाथ की सरकार गाय हितैषी और गौरक्षक होने के बाद भी आज यूपी में गाय को आवारा कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे है और सरकार कुछ नहीं कर रही है।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में गाय को गौशाला के नाम पर ऐसी जगह बंद कर दिया जाता है जहां पर गाय के पास ठंड और बरसात से बचने के लिए छत तक नहीं होती है, खाने को चारा नहीं होता है और तो और पीने के लिए पानी तक नहीं होता है जिस कारण गाय मर जाती है या फिर बीमार हो जाती है।
बताया जा रहा है कि बीमार गाय जो चल नहीं पाती है उनको आवारा कुत्ते घेरकर नोच-नोच कर खा जाते है और योगी प्रशासन गायों को सुरक्षा देने की जगह अपनी राजनीति चमकाने में लगा हुआ है।
गौशाला में भूख के कारण गायों की मौत को लेकर गाँव वालो का कहना है कि इससे कही ज्यादा तो गाय सड़क पर सुरक्षित थी वहां कम से कम वह अपना पेट खुद भर लेती थी लेकिन गौशालाओं में चारा और पानी न होने के कारण मर रही है। योगी सरकार का अलग से बजट होने के बावज़ूद भी गोशालाओं में गाय की देखभाल और सुरक्षा करने वाला कोई नहीं होता है जिसकी वजह से आवारा कुत्ते और जंगली जानवर जिंदा गायों को खा जाते है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गाय के बजट के नाम पर अधिकारी सरकारी पैसा अपनी जेब में भर रहे है और गाय को भूखा मरने पर मजबूर कर रहे है। अभी कुछ दिन पहले गाय के नाम पर इंसानो को मारा जा रहा था क्या योगी जी गौशाला में गौहत्या के लिए खुद को ज़िम्मेदार मानते हुए अपने ऊपर कार्यवाई करेंगे।