महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। उस वीडियो में एक महिला भगवाधारी महात्मा गांधी के पुतले पर गोली मारती है। गोली चलने के बाद उस पुतले से नकली खून भी निकलता है। वीडियो वायरल होती है और महिला के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाता है, अब वो महिला एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है।

दरअसल हिंदू महासभा के विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा में दसवीं और बारहवीं पढ़ने वाली के छात्रों को चाकू बांटी गई है। इसे बांटने का काम किसी और ने नहीं बल्कि गांधी के पुतले पर गोली चलाने वाली हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय ने किया।

हिंदू महासभा ने स्कूली बच्चों के बीच सावरकर जयंती पर चाक़ू बाँटे, सावरकर ने कहा था कि राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैन्यीकरण होना चाहिेए। उन्होंने कहा कि मोदी ने हिंदुओं का राजनीतिकरण कर दिया है, अब हम सैन्यीकरण कर रहे हैं’। तो इसमें क्या बुराई है?

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सावरकर का सपना था राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनिकीकरण। मोदी जी ने लोकसभा चुनाव में भारी जीत के साथ सावरकर के सपने का पहला हिस्सा पूरा किया है।

अब हम चाकू बांटकर और हिंदू सैनिक तैयार करके उनके सपने का दूसरा हिस्सा पूरा कर रहे हैं। अगर हिंदू अपनी और अपने राष्ट्र की रक्षा करना चाहते हैं तो उन्हें हथियार चलाना सीखना होगा।

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महासभा नेता ने कहा कि जिन बच्चों को बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर मिले हैं उन्हें भगवद् गीता की किताब के साथ चाकू बांटी गईं। इसके पीछे मकसद यही है कि ये बच्चे जानें कि उन्हें हथियार का इस्तेमाल कब और क्यों करना चाहिए। उन्होंने कहा मैं चाहती हूं कि वे अपने परिवार और बहन-बेटियों की रक्षा के लिए मजबूत और आजाद बनें।

आजाद भारत में ये पहला मौका है जब परीक्षा में पास होने के बाद हथियार दिए जा रहें है। इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार साइकिल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आलोचनाओं का सामना करते हुए भी ईनाम में लैपटॉप और कन्याविद्या दिया।

महिलाओं की सुरक्षा का मामला सरकार से ज्यादा समाज पर निर्भर करता है। ना की चाकू-चुरा या और कोई हथियार बांटने से। प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था हमें अपने लड़कों से भी पूछना चाहिए की वो इतनी रात में कहाँ से आ रहा है उससे भी सवाल जवाब होना चाहिए बजाय इसकी सवाल सिर्फ लड़कियों से हो।

मगर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण और उनकी बातों को ऐसे ही असामाजिक लोगों ने ख़राब कर रखा है। जो भारत को तालिबानी तौर तरीकों के तहत आगे बढ़ाना चाहते है जिसमें शिक्षा ना हो गोली बारूद और हथियार हो।

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