उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक पत्रकार की जलाकर हत्या कर दी गई है। अब यह बात फिर से उठने लगी है कि समूचे यूपी में सत्ता की नाक के नीचे बीते काफी समय से पत्रकारों का उत्पीड़न और उन पर हमले होते रहे हैं।

पर अबतक योगी सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। जिसकी कीमत आज फिर एक पत्रकार को अपनी जान गवां कर चुकानी पड़ी है।

दरअसल, बलरामपुर के कलवारी गांव के रहने वाले पत्रकार राकेश सिंह के घर में शुक्रवार को दबंगों ने घर में घुसकर कथित आग लगा दी। फलस्वरूप राकेश सिंह और उनके एक साथी पिंटू साहू की 90 प्रतिशत जलने की वजह से मौत हो गई।

एक तरफ यूपी में पत्रकारों को जलाकर मौत के घाट उतार दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ यूपी के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ हैदराबाद में जाकर बीजेपी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। वो वहां जाकर कह रहे हैं, हैदराबाद के नाम बदलकर भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता?

पत्रकार ने बलरामपुर के डीएम से सुरक्षा की मांग की हुई थी लेकिन उसे डीएम से नज़रंदाज़ कर दिया। जिलाधिकारी से दिवंगत पत्रकार राकेश ने अपनी हत्या की आशंका भी पहले ही जताई दी थी।

हमेशा की तरह घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एम्बुलेंस कर्मियों ने पत्रकार और उसके साथी को अस्पताल पहुंचाया, जहां पत्रकार के साथी को मृत घोषित लर दिया गया। जबकि 90 प्रतिशत झुलस चुके पत्रकार को लखनऊ रेफर कर दिया जहां सिविल अस्पताल में उनकी भी मौत हो गई।

वहीं इस मामले में राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ पर जमकर बोला है। उन्होंने लिखा- “ये आदित्यनाथ का राज है यहाँ पत्रकार पर मुक़दमा होता है जेल होती है हत्त्या होती पत्रकार को जलाकर मार दिया जाता है लेकिन सरकार कुंभकरण की नींद सोती है।”

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