Ayodhya

5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन और शिलान्यास किया जा चुका है। देश के प्रधानमंत्री समेत भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता अयोध्या में भूमि पूजन के लिए आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बने। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर सभी देशवासियों को बधाई दी।

हफ्ते भर से मीडिया लगातार माहौल बनाता रहा और कहता रहा कि शिलान्यास से ही सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। देश का नंबर वन टीवी न्यूज़ चैनल कहलाने का दावा करने वाला चैनल तो बकायदा शिलान्यास से कोरोना भगाने की बात कर रहा था, प्रोमो क्लिप चला रहा था।

लगता है भक्ति भाव में डूबे मीडिया वालों की इन बातों को आम आदमी ने गंभीरता से ले लिया और मान लिया कि शिलान्यास के साथ ही कोरोना का खात्मा हो गया है।

दरअसल अयोध्या में हुए राम मंदिर भूमि पूजन के बाद राम की पैड़ी पर उत्सव मनाते हुए लोगों की वीडियो सामने आई है। जिसमें साफ तौर पर यह नजर आ रहा है कि किस तरह से लोगों ने अयोध्या में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं।

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि इन लोगों में ज्यादातर लोगों ने मास्क नहीं पहना हुआ है और सैकड़ों की तादाद में लोग एकजुट होकर नाच गाना कर रहे हैं।

बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या योगी सरकार के लिए यह नियमों का उल्लंघन नहीं है या फिर यह नियम सिर्फ धर्म विशेष के लोगों के लिए ही लागू किए जाते हैं क्योंकि हाल ही में बकरीद के मौके पर योगी सरकार ने यह निर्देश दिए थे कि मस्जिदों और सार्वजनिक जगहों पर लोगों की भीड़ नहीं जुट सकती।

आपको बता दें कि कल अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए हजारों की तादाद में लोग एकजुट हुए थे। जिसमें बड़े-बड़े नेताओं के साथ-साथ साधु संत समाज से जुड़े लोग भी शामिल हैं और अयोध्या में इस मौके पर लोगों ने बड़ी तादाद में एकजुट होकर जश्न मनाया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस पक्षपाती रवैये पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके साथ सोशल मीडिया यूजर्स लोगों की इस हरकत को अंधभक्ति करार दे रहे हैं। वहीं कुछ यूज़र्स तब्लीगी जमात पर कोरोना का प्रसार करने के आरोप पर और अब हिन्दुओं को इस तरह खुली छूट देकर कोरोना को फैलाने पर बीजेपी को घेर रहे हैं।

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