उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं की गुंडागर्दी सर चढ़कर बोल रही है। बीजेपी नेताओं को कानून ताक पर रखकर पुलिस को रौंद रहे हैं।

झांसी में बीजेपी नेता प्रदीप सरावगी की गुंडई इतनी बढ़ गई कि, उसने झांसी एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी को कॉलर पकड़कर पीटा। इतना ही नहीं इस भाजपा नेता में एसपी सिटी झांसी को गिरा-गिराकर जमकर पीटा।

इस दौरान प्रदीप सरावगी के साथ वहां बीजेपी के कई विधायक मौजूद थे, लेकिन एक भी विधायक बीच में नहीं आया। बीजेपी विधायकों के सामने ‘कानून’ पिट रहा था और वो तमाशा देख रहे थे।

दरअसल, झांसी एमएलसी चुनाव में बीजेपी हार रही थी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आगे चल रहे थे।

अपनी हार को नजदीक देखते हुए पूरे झांसी के भाजपा नेता आग बबूला हो गए। प्रधम वरीयता के बाद दूसरे वरीयता में भी सपा प्रत्याशी मान सिंह आगे रहने के बीच भाजपा के दो विधायक मतगणना स्थल पहुंचे और बवाल काटना शुरू कर दिया।

पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो उल्टा उन्हें सत्ता के नशे में मारने लगे। ऐसा लग रहा था जैसे ये नेता नहीं कोई गुंडा हों। पुलिस वालों का ही डंडा छीन कर उन्हें मारने लगे।

बीजेपी नेताओं ने ये पूरा बवाल समाजवादी पार्टी के जीतने पर और अपनी हार को देखते हुए की। अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो बीजेपी नेता भारी पुलिस बल के सामने एसपी सिटी तक को नहीं छोड़ रहे वो आम नागरिकों के साथ क्या करते होंगे?

वहीं इस मामले में पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस हालत के लिए खुद यूपी पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- “ये दृश्य डराने वाले हैं, भाजपा का एक नेता SP सिटी विवेक त्रिपाठी को खुले आम पीट रहे हैं।

खैर सत्ता के आगे घुटने टेक कमज़ोरों पर अत्याचार करने वाली, गरीबों का चालान काटने वाली, पत्रकारों पर मुक़दमे लिखने वाली उत्तरप्रदेश पुलिस अपनी इस हालत की ज़िम्मेदार खुद है। वक्त रहते सबक लीजिए।”

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