हैदराबाद में हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को एकबार फिर से झकझोर दिया है। देश के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कानून-व्यवस्था के लिए सरकारों को और संवेदनहीनता के लिए समाज को सवालों के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।

इसी सिलसिले में जहां देश की राजधानी दिल्ली में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया गया वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। दरिंदों द्वारा जलाकर मारी गई युवती के श्रद्धांजलि स्वरुप जब समाजवादी युवाओं ने सड़कों पर मार्च निकाला तो आखिरी समय पर योगी के प्रशासन ने परमिशन रद्द कर दिया।

ऐसे गंभीर सामाजिक मुद्दे पर संवेदनहीनता के लिए बदनाम योगी सरकार अब युवाओं को आक्रोश व्यक्त करने से भी रोकने लगी तो नाराजगी जाहिर करते हुए समाजवादी छात्रसभा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा शुक्ला भड़क गईं। उन्होंने योगी सरकार को महिलाओं के प्रति संवेदनहीन बताते हुए उन्होंने शासन प्रशासन पर जमकर सवाल उठाया। साथ ही इस बात का जिक्र किया कि शहर बदलते हैं, राज्य बदलते हैं लेकिन इस तरह की घटनाएं नहीं बदलती; क्योंकि बलात्कारियों को दंडित करने में हर जगह देरी की जाती है।

इन सब कमियों के बावजूद जब लोग आक्रोश जाहिर करना चाहें तो उसके लिए भी इजाजत न देना सरकार की संवेदनहीनता को दिखाता है।

योगी सरकार के इसी मनमानी फैसले से नाराज होती हुई पूजा शुक्ला कहती हैं- तुम मारो, डराओ, जलाओ, मुझे खाक करदो लेकिन मेरी राख का एक एक कण बोलेगा, सवाल करेगा तुमसे और इस सड़ी हुई व्यवस्था से। कि तुम क्यों डरते थे मुझसे मेरे ख्यालो से मेरे सवालो से?#JusticeForPriyankaRaddy

दरअसल हैदराबाद में घटी वीभत्स घटना इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है। वसीयत और दरिंदगी की ऐसी तमाम घटनाएं साल-दर-साल घटती जाती हैं और शासन-प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से भागते रहते हैं।

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