मधुसूदन

उतर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव है और नेताओं के काफिले की गाड़ियां अब हर गांव में सरपट दौडती नजर आती हैं। जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है।

पूरे देश में सबसे ज्यादा आईएएस और पीसीएस देने वाला उतर प्रदेश का जौनपुर जिला आज भी अशिक्षा व जातिवाद का दंश झेल रहा है। तीन नवंबर को जौनपुर में मल्हनी में आगामी विधानसभा उपचुनाव है।

10 नवंबर को सभी सीटों के नतीजे आयेगें। लेकिन मल्हनी के कुछ परिवारों की स्थिति जस की तस बनी रहेगी।

मल्हनी के हकारीपुर गांव में कई जातियों की अलग-अलग बस्तियां हैं। लेकिन हकारीपुर की दलित बस्ती में रहने वाले सुशील गौतम व मखनचू गौतम का परिवार आज भी पिछले कई सालों से भेदभाव के चलते कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मखनचू के परिवार में सभी सदस्यों की संख्या कुल मिलाकर 10 है। लेकिन घर में एक भी शौचालय नहीं है। मखनचू पेशे से मजदूर हैं।

मखनचू गौतम बताते हैं कि मेरे घर शौचालय न होने की वजह मेरे परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मेरे बड़े पापा को 5 साल पहले लकवा मार दिया था।

शौचालय न होने की वजह से वो बिस्तर पर ही मल मूत्र करने को मजबूर हैं। मखनचू की पत्नी बताती हैं कि प्रधान व स्थानीय अधिकारियों से कई बार कहने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रधान की व्यक्तिगत ईर्ष्या के चलते भी हमारे साथ भेदभाव हो रहा है।

मखनचू रोते हुए बताते हैं कि अन्य जाति के लोगों को सभी सुविधाए मिलती हैं मगर हमे नहीं मिलतीं। अखिर ऐसा क्यों है? क्योंकि हम दलित समाज से है इसलिए?

मखनचू के परिवार ने योगी सरकार से नाराजगी के कारण इसबार विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग प्रकिया का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। जोकि जौनपुर जिला प्रशासन और भाजपा सरकार के लिये शर्म की बात है।

क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा मंचों से दावे करते हैं कि गाँव-गाँव शौचालय बना दिया गया है। लेकिन यहां एक दलित परिवार जन सुविधाएं नहीं मिलने की वजह से चुनाव का बहिष्कार करने जा रहे हैं।

वहीं ग्राम प्रधान और अधिकारियों से शौचालय ना मिलने की बात पूछने पर असंतोषजनक जवाब मिला। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जिनके पास शौचालय नहीं है वो सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करें। बाकी बचे हुये शौचालय का निर्माण जल्द कराया जायेगा।

प्रधान अनिल बताते हैं कि गांव में अभी भी लगभग 300 शौचालय की और आवश्यकता है। इसकी जानकारी हमने बीडीओ को दे दी है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हर ग्राम पंचायत में दो सामुदायिक शौचालय की बात करती है। लेकिन हकारीपुर गांव में ये दावे लापता नजर आते हैं। गांव में बना सामुदायिक शौचालय मखनचू के घर से काफी दूर है।

जबकि केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त यानि ओडीएफ कराने के बड़े-बड़े दावे करती है।

स्थानीय स्तर पर मचा भ्रष्टाचार व भेदभाव ने मोदी और योगी सरकार के सभी दावो की पोल खोल दी है। मखनचू की दादी विद्या का कहना है कि हमें सरकार कुछ ना दे। लेकिन बस एक शौचालय की व्यवस्था करा दे। हमारे घर की महिलाओं व बच्चियों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।

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