यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का घृणित चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। एक न्यूज एजेंसी के कैमरामैन को योगी ने कैमरे को गाली देकर फटकार लगा दी है और ये वीडियो वायरल हो गया है।

मालूम हो कि योगी एक राजनेता होने के साथ साथ संत होने का भी दावा करते हैं।

इस दावे के मुताबिक, योगी आदित्नयाथ पूर्ण संन्यासी हैं और गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं।

ऐसे में एक धार्मिक व्यक्ति और संत के मुख से इस प्रकार की भाषा कतई शोभनीय नहीं है। इसे लेकर हर ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीटर पर योगी का यह वीडियो अपलोड किया है और लिखा है कि ये यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असली चेहरा है जो कैमरे पर ही एएनआई के कैमरामैन को जरा सी आवाज होने पर चूतिय कहीं के कह कर संबोधित कर रहे हैं।

वहीं एएनआई की कार्यशैली को भी कठघरे में खड़ा करते हुए सूर्य प्रताप सिंह लिखते हैं कि एएनआई के साथ जो हुआ, अच्छा हुआ. देश की सबसे बड़ी एजेंसी के साथ होना ही यही भी चाहिए।

 

जब इतनी बड़ी न्यूज एजेंसी सरकार के पक्ष में सरकारी प्रवक्ता से भी बदतर चाटुकारिता करने लगे, तब ऐसा ही होना चाहिए। उन्होंने योगी के संत होने पर तंज कसा और कहा कि संत की भाषा सुनिए।

सूर्य प्रताप सिंह ने एएनआई को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा कि इस वीडियो का मतलब साफ है जो पत्रकार पत्रकार नहीं रहकर योगीजी के सलाहकार बन कर साथ बैठे हैं, उनके साथ भी यही व्यवहार होता होगा।

मेरे मन में बहुत पीड़ा है उनके लिए. अब मुझे समझ आ रहा है कि क्यों ये पत्रकार इस कदर नफरत फैलाने पर मजबूर हो जाते हैं बेचारे ! छोटी छोटी गलतियों पर ऐसे ही आपको गाली देकर डपटा जाता होगा. हमारी संवेदना गाली सुनने वाले पत्रकारों के साथ हैं।

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने भी इस मुद्दे पर योगी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ठोंक देंगे, ठीक कर देंगे, यमलोक भेज देंगे, पेट का दर्द ठीक कर देंगे के बाद अब पेश है ‘चूतिया कहीं के।’

उन्होंने कहा कि ये यूपी का दुर्भाग्य है कि उसे मुख्यमंत्री के रुप में संत के भेष में छिपा एक ऐसा व्यक्ति मिला है जो अपने अहंकार के आगे प्रदेश को ताक पर रख कर तुगलक की तरह सरकार चला रहा है।

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