देशभर के लगभग 3,500 बुद्धिजीवियों ने ‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। साथ ही मांग की है कि उनके ख़िलाफ़ केस को वापस लिया जाए।

दरअसल, ‘द वायर’ ने हाल ही में कोरोनावायरस और धार्मिक आयोजनों से जुड़ी एक रिपोर्ट की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिसको लेकर रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं।

इसी रिपोर्ट के बाद 1 अप्रैल को अयोध्या और फैजाबाद में सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस की इसी कार्रवाई की लगभग 3,500 बुद्धिजीवियों ने निंदा की है। इन लोगों का कहना है कि इस तरह कि मीडिया की आज़ादी पर हमला है, इसलिए इस कार्रवाई को वापस लिया जाए।

जिन लोगों ने कार्रवाई की निंदा की है उनमें कानूनविद, शिक्षाविद, अभिनेता, कलाकार और लेखक शामिल हैं। इन लोगों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार को सिद्धार्थ वरदराजन और द वायर के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेनी चाहिए। इस बयान में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि प्रेस की आजादी को कुचलने के लिए किसी महामारी की आड़ न लें। किसी तरह की पॉलिटिकल इमरजेंसी थोंपने के लिए मेडिकल इमरजेंसी का बहाना न बनाया जाए।

इस कार्रवाई के विरोध में जारी बयान पर दस्तखत करने वालों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार को सिद्धार्थ वरदराजन और द वायर के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेनी चाहिए। इस बयान में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि प्रेस की आजादी को कुचलने के लिए किसी महामारी की आड़ न लें। किसी तरह की पॉलिटिकल इमरजेंसी थोंपने के लिए मेडिकल इमरजेंसी का बहाना न बनाया जाए। साथ ही बयान में मीडिया से भी अपील की गई है कि महामारी को सांप्रदायिक रंग ना दें।

बयान पर दस्तखत करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे जस्टिस मदन बी लोकुर, मद्रास हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस के. चंद्रू और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश शामिल हैं। दो पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास और एडमिरल विष्णु भागवत ने भी इस पत्र पर दस्तखत किए हैं। पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और सुजाता सिंह व पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एमएस गिल ने भी वरदराजन पर हुई कार्रवाई पर विरोध जताया है।

बयान पर दस्तखत करने वालों में लेखक विक्रम सेठ, नयनतारा सहगल, अरुंधति रॉय, अनिता देसाई, के. सच्चिदानंदन और किरण देसाई शामिल हैं। अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह, नंदिता दास, फरहान अख्तर और मल्लिका साराभाई जैसे कलाकारों ने भी वरदराजन पर हुई कार्रवाई का विरोध किया है।

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