लोकसभा चुनाव से ठीक पहले BJP को अपना सियासी किला ढ़हता नज़र आ रहा है। जिसे बचाने के लिए वो संकट मोचक भगवान हनुमान का सहारा ले रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मतदान से महज़ दो दिन पहले एक बार फिर भगवान हनुमान को याद किया। उन्होंने हिंदू वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए BJP को भगवान हनुमान वाली पार्टी बताया और विपक्षियों को ‘अली’ वाली पार्टी का तमगा दे दिया।

योगी ने रैली के दौरान जनता के अंदर नफ़रत भरते हुए अली-बजरंगबली राग अलापते हुए कहा कि, “कांग्रेस-एसपी-बीएसपी महागठबंधन को ‘अली’ पर विश्वास है, तो हमें ‘बजरंगबली’ पर विश्वास है।” दूसरे दल के नेता ये मान चुके हैं कि बजरंगबली के अनुयायी उन्हें वोट नहीं देंगे।

योगी के इस बयान पर आप विधायक अलका लांबा ने लिखा- ढोंगी ने यही लाइन राजस्थान विधानसभा चुनावों में अलवर में कही थी,लोगों ने खूब मज़े लिए, जब परिणाम आये तो पता चला कि उस सीट पर BJP की ज़मानत जप्त होते होते बची, यहाँ भी कुछ ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।

ढोंगी ही अली और बजरंग बली को हिन्दू-मुस्लिम की तरह लड़ाने की सोच सकता है।

टीवी में भले ही आपको एक पक्ष और एक सामान खबरें दिखाई दे रही हों लेकिन हकीकत यह है कि आम लोगों के लिए ‘रोजगार’ बड़ा मुद्दा बन चुका है। जमीन पर लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं। विपक्षी नेता मोदी सरकार के सालाना ‘दो करोड़’ रोजगार देने के वाले वादे पर मोदी और भाजपा को घेर रहे हैं।

मोदी सरकार अपने किए वादों को करने में विफल रही है। ये सरकारी आकड़ों से दिखाई भी देता है। ऐसे में भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जिनको फायरब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है वो अपनी चिरपरिचित हिंदुत्व छवि को इस्तेमाल करके और उसकी राजनीति से अपने अधूरे कामों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।

मगर योगी द्वारा भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ बता देना फिर इसपर चुनाव आयोग योगी को चेतावनी देकर छोड़ देता है। अब फिर उन्ही योगी द्वारा हिन्दू-मुस्लिम करके जनता को भड़काना! योगी जोकि एक संवैधानिक पद ‘मुख्यमंत्री’ के पद पर बैठे हैं। उनपर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता की जिम्मेदारी है। इसपर आयोग चुप है!

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