कर्नाटक में चर्चित खनन कारोबारी और बीजेपी नेता जनार्दन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। बेंगलुरु की क्राइम ब्रांच रेड्डी को 600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में तलाश रही है। फिलहाल रेड्डी को फ़रार बताया जा रहा है।

पुलिस के मुताबिक 600 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल एक कंपनी और उसके मालिक अहमद फ़रीद को प्रवर्तन निदेशालय की जांच से बचाने के लिए जनार्दन रेड्डी ने 18 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।

बेंगलुरु के पुलिस कमिशनर टी सुनील कुमार ने कहा, ‘फ़रीद ने जांच में हमें बताया है कि उसने रकम दी क्योंकि जनार्दन रेड्डी और दूसरे लोगों ने उनसे वादा किया था कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की जांच से बचाएंगे।’

फिलहाल जनार्दन रेड्डी फरार है। इस मामले में जनार्दन रेड्डी के करीबी श्रीरामुलु का कहना है कि जनार्दन रेड्डी क़ानूनी प्रक्रिया में पूरी मदद करेंगे। श्रीरामुलु ने कहा कि मीडिया से ही इस बारे में मुझे पता चला है इस बारे में मेरे पास पूरी जानकारी नहीं है। कोई भी क़ानून से ऊपर नही है।

पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। 57 किलो सोना बेल्लारी में एक व्यापारी को दिया गया, जिसने इसके बाद 18 करोड़ रुपये का भुगतान जनार्दन रेड्डी के सहायक अली खान को किया।

बता दें कि फरीद और उनके बेटे आफाक पर दिसंबर 2016 में अपनी  ऐम्बिडेंट मार्केटिंग कंपनी के जरिए हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरोप है कि कंपनी ने 15 हजार निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया। निवेशकों से कंपनी ने वादा किया कि वो उन्‍हें इस पैसे पर इस्‍लामिक तरीके से रिटर्न मुहैया कराएगी।

शुरू में निवेशकों को कुछ लाभ दिया गया लेकिन कुछ महीने बाद ही कंपनी पैसे के भुगतान से आनाकानी करने लगी।  इसके बाद निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और प्रदर्शन किया।

इस साल जनवरी महीने में ईडी के अधिकारियों ने कंपनी पर छापा मारा। बाद में क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू की और फरीद को गिरफ़्तार कर लिया। जब इस मामले की जांच हुई तो जनार्दन रेड्डी का नाम भी सामने आया।

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