बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले मासूमों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल में बचने के लिए बच्चे आ तो रहे है मगर वो अस्पताल से मृत निकल रहें है। बुधवार को यानी आज भी इस जानलेवा बुखार ने 3 और मासूम बच्चों की जान ले ली है। इस तरह से सिर्फ मुजफ्फरपुर में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 112 हो गया है।

बिहार भर में एक्यूट एनसेफेलाइटिस (एईएस) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 144 पहुंच गई है। अब ये सिर्फ एक या दो शहर तक नहीं है इस जानलेवा बीमारी में कई और जिलों में अपने पांव पसार लिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुजफ्फरपुर के श्री कृष्‍णा मेडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में चमकी बुखार से अब तक कुल 93 बच्‍चों की मौत हो चुकी है। वहीं केजरीवाल अस्‍पताल में 19 बच्‍चों की इससे जान जा चुकी है।

जब बच्चियों के साथ हुए बलात्कार पर जनता सड़क पर नहीं आई तो 130 बच्चों की मौत पर क्यों आएगी?

इन मौतों पर कवि और नेता कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर दुःख ज़ाहिर किया। उन्होंने लिखा- घर में छोटा बच्चा-बच्ची हो तो उसका चेहरा देखो, फिर उन माँ-बापों के चेहरे याद करो जो अपने हँसते-खेलते चराग़ों के शव लेकर लौटे हैं!

आख़िर में अपने-अपने नेताओं के चिकनाए चेहरे याद करो और स्वास्थ्य-शिक्षा-सुरक्षा के ज़रूरी मुद्दों से बहस को हटाने हेतु उनके दिए झुंनझुने बजाकर सो जाओ।

गौरतलब हो कि सीएम नीतीश कुमार ने 100 से मौतें हो जाने के बाद 14 दिन बाद अस्पताल का दौरा करने पहुंचे थे। जहां बच्चों के परिजनों ने उनके खिलाफ नारे लगाए और वापस जाने को भी कहा था। देश के स्वास्थ मंत्री ने भी 50 से ज्यादा बच्चे मरने के बाद बिहार का दौरा किया था जहां उन्होंने सरकारी अस्पतालों में हुई कमियों को माना था।

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