दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। राजनीति में ये कहावत इसलिए कही गई क्योंकि जो यूपी की सियासत में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुआ वो दिल्ली की सत्ता आसानी से हासिल कर सकता है।

मगर इस बार दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होते हुए मेरठ के रास्ते से होकर गुजर रहा है। कांग्रेस अपनी खोयी जमीन पाने की कोशिश में लग गई है। यही वजह रही कि भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर से खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मिलने पहुंची। अब इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के लिए यूपी इस बार कितनी अहम है।

यूपी की सियासत में पीएम मोदी और सीएम योगी को सीधी टक्कर देने की बात करने वाले चन्द्रशेखर दलितों का युवा चेहरा बनकर सामने आए है।

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यही वजह थी कि कल जब उन्होंने यूपी से अपनी पदयात्रा शुरू जो (दिल्ली आकर ख़त्म होती) की तो उन्हें पुलिस ने यह कहकर गिरफ्तार कर लिया कि वो आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। देवबंद पुलिस ने चंद्रशेखर समेत सभी लोगों को कासमपुर से गिरफ्तार किया है। इसके बाद चंद्रशेखर की तबियत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

आज जब प्रियंका उनसे मिलने पहुंची तो उन्होंने कहा- ये सरकार इतनी घमंडी बन गई है कि एक नौजवान को कुचलना चाहती। रोजगार तो उन्हें दिया नहीं कम से कम उनकी बात तो सुन लीजिए।

इसके बाद पत्रकार ने पूछा कि क्या कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ेगें? चन्द्रशेखर तो उन्होंने दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि कोई ऐसी बात नहीं है।

बता दें कि पिछले ही हफ्ते भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने स्मृति ईरानी और पीएम मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारने की बात कही थी। साथ ही ये भी कहा था कि ईरानी के खिलाफ लड़ने वाले प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे। अब प्रियंका की ये मुलाकात यूपी सियासत में क्या नया ट्विस्ट लेकर आती है ये तो आने वाले वक़्त में ही पता चलेगा।

फोटो साभार- ANI

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