सेना के शौर्य और पराक्रम का इस्तेमाल चुनाव में नहीं होने देंगे। सेना की, सेना के शौर्य से जुड़ीं तस्वीरें और पुलवामा में शहीद हुए जवानों की फोटो या एयर स्ट्राइक से जुड़े साक्ष्य वोट मांगने के लिए प्रयोग नहीं किए जा सकेंगे।

ये बयान चुनाव आयोग ने पिछले दिनों पुलवामा हमले के बाद हुई भारतीय सेना की एयरस्ट्राइक पर नेताओं द्वारा इंडियन एयरफोर्स के इस साहसी कारनामे को अगर किसी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भुनाने की वजह से ये बयान दिया था। मगर यूपी से BJP विधायक संगीत सोम को ये बात नहीं समझ आई और उन्होंने एक बार फिर सैनिक कार्यवाई का क्रेडिट लेने की कोशिश की है।

सोम ने कहा कि बालाकोट जहां तक हमारी वायुसेना पहुंची है, वो लाहौर से बहुत नजदीक है। दोस्तों बहुत नज़दीक। इतनी नज़दीक है कि अगर दो मिनट और रुक जाते तो तिरंगा लाहौर में मिलता।

संगीत सोम अपने विवादित बयान देने की वजह से जाने जाते है। संगीत सोम का नाम 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में भी आया था। उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लग चुका है।

बता दें कि पिछले महीने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद से ही चुनावी माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से बालाकोट के मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेला जा रहा है और चुनावी एजेंडा भी अब राष्ट्रवाद कर दिया गया है।

जिसके बाद चुनाव आयोग ने बकायदा एडवाइजरी जारी करते हुए राजनीतिक दलों को सतर्क करते हुए कहा गया था कि सुरक्षाबल देश की सीमाओं, क्षेत्र और पूरे राजनीतिक तंत्र के प्रहरी हैं। लोकतंत्र में उनकी भूमिका निष्पक्ष और गैर राजनीतिक है। इसी वजह से जरूरी है कि चुनाव प्रचार में सुरक्षाबलों का जिक्र करते हुए राजनीतिक दल और राजनेता सावधानी बरतें।

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