
मोदी सरकार में विकास का सूचकांक ऊपर जाए न जाए मगर डॉलर, डीजल और पेट्रोल के दाम जरुर रिकॉर्ड दर्ज कर रहे हैं।
शुक्रवार को बाज़ार खुलते ही रूपया अब तक के सबसे नीचले स्तर 71 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया है। हालाकिं गुरुवार के मुकाबले 17 पैसों की मामूली सुधार आई है।
वहीँ अगर पेट्रोल डीज़ल की बात करें तो पेट्रोल अब तक 78 रुपये 52 पैसे प्रति लीटर जबकि डीजल 70 रुपये 21 पैसे प्रति लीटर की कीमत पार कर चुका है।
Indian #Rupee now at 70.96 versus the US dollar. pic.twitter.com/mWhh9oFUpC
— ANI (@ANI) August 31, 2018
दरअसल चुनाव में जनता के सामने सस्ते पेट्रोल डीजल के दाम जब बढ़ रहे थे तो बीजेपी ने पेट्रोल डीजल के दाम को लेकर नारा गड़ा था। बहुत हुई पेट्रोल डीजल की मार अबकी बार मोदी सरकार।
अब जब सरकार अपने आखिरी साल में प्रवेश कर चुकी है तब उसके बाद जनता को बताने के लिए कुछ नहीं की आखिर पैसा अब तक के नीचले स्तर क्यों पहुंचे गया है।
वहीँ अगर इकनॉमिक अफेयर्स के सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग की मानें तो विदेशी निवेशकों की भारतीय बाज़ार में वापसी के साथ रुपया 68-70 के बीच रह सकता है।
इस साल रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई है और एशियाई मुद्राओं में यह सबसे बुरी स्थिति है। रुपये में गिरावट के चलते आयात, विदेश में शिक्षा और विदेश यात्रा महंगी हो गई है।
रूपए में आई इस गिरावट से लोग नाराज़ दिख रहे हैं और सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर खिंचाई हो रही है।
Correction: Price of petrol in Mumbai at Rs 85.93/litre (increase* by Rs 0.21/litre) and price of Diesel at Rs 74.54/litre (increase* by Rs 0.30/litre). https://t.co/COgLzE14BV
— ANI (@ANI) August 31, 2018
ऐसा होने से ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी असर पड़ा है क्योंकि भारत 80 फीसद कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है वहीँ रूपया की गिरावट की वजह से तेल कंपनियां को महंगाई का सामान करना पड़ रहा है।