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देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर सुस्त पड़ गई है। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ 8.2 से घटकर 7.1 रह गई है।

इसी के साथ ही देश में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 13.5 से घटकर 7.4 पर, कंस्ट्रक्शन ग्रोथ 8.7% घटकर 7.8% पर, एग्रीकल्चर ग्रोथ 5.3% से घटकर 3.8% और फाइनेंशियल, रीयल एस्टेट ग्रोथ 6.5% से घटकर 6.3% पर आ गई है।

ताजा ऑकड़ों के जारी होते ही अब मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीटर पर सरकार पर तंज करते हुए लिखा है कि कोई वि-ज्ञानी बताएगा कि ये जीडीपी की ‘जाति’ क्या है ? सीधे 8.2 से 7.1 पर लुढ़क कर आ गई।

साथ ही जीडीपी के यह तजा ऑकड़े अब मोदी सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। मोदी सरकार पहले ही जीडीपी ग्रोथ के ऑकड़ों में फेर-बदल कर घिर चुकी है।

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दरअसल मोदी सरकार ने जीडीपी के पुराने मनमोहन सरकार के ऑकड़ों को बदल दिया है। मोदी सरकार के नए ऑकड़ों में मनमोहन सरकार को मोदी सरकार से पीछ बताया गया है। तुलनात्मरूप से देखें तो नए ऑकड़ों के मुताबिक अर्थव्यवस्था के मामले में मोदी सरकार ने चार सालों में मनमोहन सरकार से अच्छा काम किया है।

लेकिन अब ताजा जारी हुए यह आंकड़े भी सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करते नज़र आ रहें हैं।

आपकों बता दें कि आर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली कई संस्थाओं ने पहले ही भारत जीडीपी में गिरावट होने का अनुमान लगे था।

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