अखिलेश यादव का ताजा बयान देश की राजनीति में बड़े बदलाव का आधार हो सकता है। केंद्र के सत्ता की चाभी उत्तर प्रदेश के दोनों सबसे प्रभावी राजनीतिक दल एक साथ आने का मन बना रहे हैं।

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि अगर मायावती तैयार होती हैं तो 2019 में उनके बीच गठबंधन हो सकता है।यानी सपा और बसपा एक हो जाएंगे।

जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी का चुनाव में जीतना लगभग नामुमकिन सा हो जाएगा। और उत्तर प्रदेश में हारने का मतलब है केंद्र की सत्ता में पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाना।

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इसपर बसपा सुप्रीमो की क्या प्रतिक्रिया होती है। अगर वह भी अखिलेश यादव के इस प्रस्ताव को मान लेती हैं तो फिर सपा-बसपा गठबंधन के बहाने देश के राजनीति में बड़े परिवर्तन की गुंजाइश है।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिली जबकि समाजवादी पार्टी में 47 सीटों पर सिमट गई और बसपा को तो मात्र 19 सीटें मिली। लेकिन सपा और बसपा के साथ आ जाने पर बुरे से बुरे दौर में भी वोट प्रतिशत इना है कि यह सबसे बड़े राजनीतिक फ्रंट के रुप में बनकर उभरेंगे और सबसे ज्यादा सीट भी कब्जाएंगे।

गुजरात के सूरत में पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मायावती तैयार होती है तो लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बयान दिया कि ‘हम समाजवादी लोग तो हर किसी का साथ देने के लिए तैयार रहते हैं अगर मायावती जी तैयार होती हैं तो उनके साथ के लिए भी तैयार हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया और फर्जी एनकाउंटर से सुधार ना होने की बात कही।

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