बिहार में लोकसभा की एक और विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम से राजग (NDA) में खलबली मच चुकी है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा सीट शानदार प्रदर्शन करेत हुए जीत हासिल की। वहीं भभुआ विधानसभा सीट पर भाजपा भाजपा ने अपना कब्जा कायम रखा।

उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणामों ने भी बीजेपी को निराश किया। सीएम योगी अपना गढ़ भी नहीं बचा पाए। बीजेपी फूलपुर और गोरखपुर दोनों सीट हार गई। इस हार ने बीजेपी के लिए मुसिबत खड़ी कर दी है। पार्टी नेताओं और सहायक पार्टियों के नताओं ने शीर्ष नेतृत्व सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है।

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर रोष जाहिर किया है। चिराग ने कहा, “बीजेपी हार को लेकर उतनी गम्भीर नहीं है जितनी होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी का यही हाल रहा तो 2019 जीतना उतना आसान नहीं होगा।

गौरतलब कि लोक जनशक्ति पार्टी केन्द्र में बीजेपी की सहयोगी है और एनडीए में शामिल है। इतना ही नहीं एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान केन्द्र में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री भी हैं। ऐसे में चिराग पासवान का ये बयान बीजेपी के लिए अच्छे संदेश नहीं है।

2014 में चिराग पासवान के कहने पर ही पिता रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी को एनडीए में शामिल किया था। लेकिन चिराग अब बीजेपी से नाराज हैं और इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या एलजेपी 2019 चुनाव में एनडीए से अलग हो जाएगी?

अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को बड़ा नुकशान हो सकता है। क्योंकि तेजस्वी यादव पहले से ही बिहार में पिछड़े, दलित और महादलित एक करने में जुटे हैं। अब अगर रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी महागठबंधन में शामिल हो जाती है तो 2019 की राह बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। बता दें कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं।

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