चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मनाई के बाद भी पीएम मोदी ने लगातार बालाकोट और एयरस्ट्राइक का ज़िक्र किया। फिर उनपर ना ही कोई एक्शन लिया गया और ना ही कोई चेतवानी दी गई। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को लगातार सातवी बार क्लीनचिट दी है।

दरअसल पीएम मोदी ने बीते 23 अप्रैल को अहमदाबाद में मतदान किया था जिसपर कांग्रेस ने उनपर खुली जीप में रोडशो करने का आरोप लगाते हुए इसे आचार सहिंता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

मगर पीएम मोदी इस मामले में क्लीनचिट मिल चुकी है इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस ने चित्रादुर्गा में पीएम मोदी एयरस्ट्राइक के नाम पर वोट मांगने पर भी चुनाव आयोग से शिकायत की थी मगर उन्हें इस मामले में भी हरी झंडी दे दी गई थी।

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वही लातूर में पुलवामा के नाम पर वोट माँगने पर भी चुनाव आयोग ने उन्हें क्लीनचिट वो भी तब जब उन्हें इससे पहले करीब पांच बार से ज्यादा क्लीनशीट दी जा चुकी है। ऐसा नहीं है की इस चुनाव में चुनाव आयोग ने एक्शन नहीं लिया है मगर बीजेपी की छोटी मछलीयों को पकड़ा गया और विपक्षी नेताओं पर एक्शन तेजी से लिया जा रहा है।

शुरूआती चुनाव में जब मायावती, मुख्यमंत्री योगी और आज़म खान पर तीन दिन और दो दिन का प्रतिबंध लगा था। तब आयोग से उम्मीद की जाने लगी थी की वो पीएम मोदी पर एक्शन ले सकता है। मगर ऐसा हुआ नहीं उसने एक कदम पीछे हटते हुए बीजेपी अध्यक्ष पर भी कोई एक्शन नहीं लिया जबकि वो लगातार सेना के नाम पर वोट मांग रहें है।

सात बार से ज्यादा शिकायत उनमें से किसी में भी नरेंद्र मोदी दोषी नहीं। अब इसे सत्ता का रसुक कहे या डर जिसे देख चुनाव आयोग इन नेताओं पर एक्शन लेने से कतरा रहा है वो भी तब जब सामने प्रधानमंत्री हो।

बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही जब एक मामले में पीएम मोदी क्लीनचिट दी थी। तभी उस एक अधिकारी ने अपनी असहमति जताई थी। मगर बार ये मामला भी वैसे दबा दिया गया जैसे पीएम मोदी के खिलाफ 7 शिकायत को दबा दिया गया।

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