यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के पसीने छूट रहे हैं.

जनता के बीच जाते ही सवालों के साथ साथ आरोपों की बौछार से भाजपा और सहयोगी दलों के परेशान हो जा रहे हैं.

ताजा वाकया यूपी सरकार के पूर्व जेल मंत्री जय कुमार जैकी के साथ हुआ. योगी सरकार में मंत्री रह चुके जय कुमार जैकी इन दिनों फतेहपुर की बिंदकी सीट से भाजपा की सहयोगी अपना दल एस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.

चुनाव प्रचार के क्रम में जैकी आम लोगों के बीच पहुंचें तो महिलाओं के एक समूह ने उन पर आरोपों की झड़ी लगा दी.

जैकी और उनके समर्थकों ने काम के नाम पर 5 किलो अनाज देने की बात याद दिलाई.

इस पर महिलाओं ने साफ तौर पर कहा कि 5 किलो अनाज देने से क्या हमारी जिंदगी कट जाएगी? जैकी और उनके समर्थकों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था.

जैकी मुस्कराते रहें और समर्थकों को वहां से निकलने का आदेश दिया. समर्थक भी अपने नेता का आदेश मान कर चुपके से वहां से निकल लिए.

 

आपको बता दें कि कोरोना की पिछली महामारी के दौरान यूपी सरकार ने प्रधानमंत्री अंत्योदय योजना के तहत कुछ महीनों तक 5 किलो प्रतिमाह अनाज मुफ्त दिया था.

भाजपा और उनके सहयोगी दलों के प्रत्याशी जब जनता के बीच जाते हैं और उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ नहीं होता है तब मुफ्त अनाज योजना का ढोल बजाना शुरु कर देते है.

दिलचस्प बात तो यह है कि जब किसी दूसरे सूबे या दूसरी पार्टी की सरकार लोगों को कुछ मुफ्त देती है तो भाजपा समर्थक लोगों को भला बुरा बोलने लगते हैं. उन्हें मुफ्तखोर की संज्ञा देने लगते हैं.

बार बार जनता को इस बात का एहसास दिलाना कि हमारी सरकार की वजह से आप लोगों का पेट भर रहा है, इससे यूपी की जनता में नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है.

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