भारत में पहला ऐसा मौका है जब भारत रत्न दिए जाने पर नया बखेड़ा शुरू हो गया है। अब योग गुरु कम उद्योगपति रामदेव ने मोदी सरकार से अपील की है कि अगले साल से भारत के सर्वोच्च नागरिकता सम्मान ‘भारत रत्न’ से संन्यासी और संतों को भी नवाजा जाए।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला। महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद जी, या शिवकुमार स्वामी जी। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी सन्यासी को भी भारत रत्न दिया जाए।

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रामदेव की इस मांग पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता अलोक अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा यह कैसे सन्यासी हैं जिन्हें पद, पैसा व पुरुस्कार सबकुछ चाहिये सन्यासी और इतनी आसक्ति? आसक्ति है कोई बात नहीं, पर अपने को सन्यासी तो न कहें।

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बता दें कि भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिकता पुरस्कार है। इस साल तीन लोगों को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया है, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दिवंगत समाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और दिवंगत गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका शामिल हैं।

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