लोकसभा चुनाव की तारीखों का भले ही अभी ऐलान न हुआ हो मगर प्रधानमंत्री मोदी प्रचार के लिए तैयार हो चुके है। इसी सिलसिले में पीएम मोदी अब तमिलनाडु के मदुरै दौरे जा रहें है मगर इससे पहले ही सोशल मीडिया पर #GOBACKMODI ट्रेंड होने लगा है।

इस विरोध की वजह एक नहीं बल्कि कई है जिस तरह से वहां आए चक्रवात और तूतीकोरिन के स्टरलाइट प्रदर्शन के बाद कई दर्जनभर लोगों की जान के बाद भी सरकार चुप ही रही थी।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मदुरै में एम्स अस्पताल की आधारशिला कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहें है। मगर उससे पहले ही सोशल मीडिया पर ‘गो बैक मोदी’ ट्रेंड होने लगा। कई कार्टून में पीएम मोदी को भगवा रंग के जैकेट में दिखाया गया है।

इस गुस्सा की असल वजह ये भी है कि जब दिल्ली के जंतर-मंतर से राष्ट्रपति भवन तक तमिलनाडु से आए किसान मार्च निकालते है तो इनकी आलोचना की जाती है और इन्हें खदेड़ दिया जाता है, मगर पीएम मोदी ने बिना इन किसानों को सुने ही उसी प्रदेश से अपने अनौपचारिक तौर पर चुनावी प्रचार की शुरुआत करने जा रहें है।

#GOBACKMODI के ट्रेंड होने के पीछे सिर्फ वहां आए तूफान में मोदी सरकार की मदद देने ही नहीं है। इसके पीछे दो वजह और हैं दूसरी सबसे बड़ी वजह तूतीकोरिन के स्टरलाइट प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में 13 लोगों की मौत पर पीएम मोदी की चुप्पी।

साथ ही तीसरी सबसे बड़ी वजह, कावेरी जल मामले पर मोदी सरकार के रवैये की वजह से तमिनलाडु के लोगों में केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा है, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर#GOBACKMODI ट्रेंड कर रहा है।

सोशल मीडिया पर लोग कुछ इस तरह अपना विरोध दर्ज कर रहें है। आपके पास पोलियो की दवा के लिए फण्ड नहीं है मगर सरदार पटेल की मूर्ति बनाने के लिए है।

तमिलनाडु कभी नहीं भूल सकते किसानों को

आपने 4/5 सालों में तमिलनाडु और भारत के लिए कुछ नहीं किया हम कुछ उम्मीद नहीं रखते अब.

कई दिन पहले तमिलनाडु के किसान देश की राजधानी में प्रदर्शन करने गए थे मगर अपने एक मिनट भी दिया की उनकी परेशानी को सुन सके, आपको शर्म आनी चाहिए वोट मांगते हुए आप कभी हमारे साथ खड़े नहीं हुए।

बता दें कि साइक्लोन से कई जिलों में 3 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे और 11 लाख पेड़ उजड़ गए थे। इससे बड़ी संख्या में लोगों को जीविकोपार्जन पर असर पड़ा है। वहीं तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी पर हुए बवाल पर भी स्थानीय लोगों के भारी विरोध पर भी कई सवाल उठ चुके है

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