छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि आदिवासी ज़िले बस्तर में टाटा इस्पात संयंत्र लगाने के लिए जो ज़मीन अधिग्रहित की गई थी वो किसानों को वापस की जाएगी।

इस तरह चुनाव प्रचार के दौरान बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने किसानों से बस्तर के लोहांडीगुड़ा इलाक़े में जो अधिग्रहित ज़मीन को वापस करने का वादा किया था। वो पूरा होता दिख रहा था।

कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में ये वादा किया गया था कि किसानों की ऐसी अधिग्रहित भूमि जिसके अधिग्रहण की तारीख़ से पाँच वर्ष तक उस पर कोई औद्योगिक परियोजना स्थापित नहीं की गई है उसे किसानों को वापस किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए अधिकारियों को ज़रूरी प्रक्रिया पूरी करने और कैबिनेट की अगली बैठक में इसके लिए प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए हैं।

ग़ौर करने वाली बात है कि फ़रवरी 2008 से दिसम्बर 2008 के बीच बस्तर ज़िले के लोहांडीगुड़ा तहसील के गाँव ग्राम छिंदगांव, ग्राम कुम्हली, छिंदगांव, बेलियापाल, बडांजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर और सिरिसगुड़ा के साथ तहसील तोकापाल के अंतर्गत आने वाले गाँव टाकरागुड़ा में टाटा संयंत्र लगाने के लिए ज़मीन अधिग्रहित की गई थी। जिसके 10 साल बाद भी वहाँ कोई परियोजना स्थापित नहीं हुई है।

अब मुख्यमंत्री के इस फ़ैसले के बाद बस्तर के 10 गाँवों के 1707 किसानों की ज़मीनें उन्हें वापस मिल जाएंगी।

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