
सबरीमाला फैसले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की धमकी और राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करते हुए अध्यादेश लाने की मांगों के बीच भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने चेताया है कि अगर संविधान के तहत नहीं चले तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है, मुश्किल के समय में भी संविधान ही रास्ता दिखाता है।
हमारे हित में यही है कि हम संविधान की सलाह के मुताबिक ही चलें। यह हमारे हित में है कि हम संविधान के दायरे में रहते हुए उपर्युक्त सलाह लें। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
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CJI गोगोई ने कहा कि अगर हम संविधान के मुताबिक नहीं चलेंगे तो हमारे मतभेद अराजकता में तब्दील हो जाएंगे, जो देश के लिए ख़तरनाक हो सकते हैं। इसलिए संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है।
ग़ौरतलब है कि संविधान के मुताबिक चलने की नसीहत CJI को इसलिए देनी पड़ रही है क्योंकि इन दिनों सत्तारूढ़ पार्टी के रहनुमा आस्था के रबर से संविधान की स्याही को मिटाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
कुछ दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट को धमकी देते हुए कहा था कि उसे जनभावना को ध्यान में रखते हुए फैसला देना चाहिए।
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अमित शाह ने यह धमकी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को लेकर दी थी जिसमें कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को हटा दिया था।
वहीं बीजेपी के कई नेता अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। बीजेपी के इन नेताओं का कहना है कि कोर्ट मंदिर निर्माण को लेकर फैसला देने में देरी कर रहा है। इसलिए कोर्ट को दरकिनार कर इसपर अध्यादेश लाया जाए।