‘नरेंद्र मोदी एनडीए के नेता हैं। भाजपा का मतलब नरेंद्र मोदी हैं, न कि गिरिराज सिंह, प्रज्ञा सिंह ठाकुर और साक्षी महाराज टाइप के आवारा नेता।’ ये बयान है जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी का जिन्होंने पिछले दिनों एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में ये बोला। जानकारी के लिए ये ज़रूरी है कि त्यागी उस दल के प्रवक्ता है जिनकी पार्टी BJP के साथ गठजोड़ में है।

दरअसल केसी त्यागी जेडीयू के पुराने नेताओं में से आते है। उनसे जब साध्वी प्रज्ञा और गिरिराज सिंह के बयानों पर राय रखी तो बीजेपी की लाइन से बिलकुल अलग थी।

वहीं इसी इंटरव्यू में त्यागी एक और बात याद करते है कि देखिए, जनता दल(यू) समाजवादी आंदोलन के गर्भ से पैदा हुई पार्टी है। जिसके पुरखे जेपी, लोहिया, चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर रहे हैं। इन सभी ने समाज में परिवर्तन की अलग धारा विकसित की।

सुब्रमण्यम स्वामी बोले- अगर ‘बालाकोट’ नहीं होता तो BJP 160 सीट पर ही सिमट जाती

हम गैर कांग्रेसवाद को लेकर जनसंघ के साथ रहे हैं। हम उस समय से जनसंघ के साथ हैं जबसे देश में गैर कांग्रेसवाद लहर चली थी। 1967 के बाद जब गैर कांग्रेसवाद की राजनीति शुरू हुई तब इसके जनक लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय रहे। हमारे बीच वैचारिक स्तर पर मतभेद रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद हम साथ रहे हैं।

एक तरफ नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता बनाना वहीं दूसरी तरफ उनके दुवारा दिए गए उम्मीदवारों को आवारा कहना ये बात दूर से हिम्मत वाली दिखाई देती है। मगर इसके पीछे की एक वजह ये मानी जाती की BJP अपने सहयोगी से बहुत नरमी से पेश आती है।

हार के डर से घबराए मोदी अब हमारे विधायकों को 10-10 करोड़ में खरीदने की कोशिश कर रहे हैं : सिसोदिया

टीडीपी को छोड़ दें तो बाकी सभी दल के नेता मोदी सरकार की आलोचना करते नज़र आ जाते है मगर BJP राजभर और ठाकरे के साथ भी गठजोड़ कर लेती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here