मोदी सरकार में एक और आरोपी अब आरोप मुक्त हो गया। इशरत जहां एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने डीजी वंजारा और एनके अमीन को आरोप मुक्त कर दिया है।

इसके पीछे की वजह है गुजरात सरकार ने अपने दोनों पूर्व अधिकारीयों के खिलाफ मुक़दमा चलाने की इजाजत नहीं दी जिसके बाद विशेष अदालत ने दोनों को आरोप मुक्त कर दिया।

दरअसल सीबीआई ने रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन के खिलाफ केस चलाने के लिए गुजरात सरकार से अनुमति मांगी थी। मगर गुजरात सरकार ने केस चलाने को लेकर अनुमति देने से साफ़ इनकार कर दिया। जिसे देखते हुए सीबीआई कोर्ट ने दोनों को आरोप मुक्त करने का फैसला किया।

हालाकिं इससे पहले जब दोनों पूर्व अधिकारियों ने बरी करने के लिए अर्जी लगाई थी। तब सीबीआई की विशेष अदालत ने उनकी बरी करने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया था।

उस वक़्त अदालत ने सीबीआई से सवाल किया था कि वो अपना स्टैंड क्लियर करें की क्या इन दोनों अधिकारीयों के खिलाफ केस चलाने के लिए राज्य सरकार (गुजरात सरकार) से अनुमति चाहते हैं यां नहीं।

जिसके बाद सीबीआई ने दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देने के लिए राज्य की रुपाणी सरकार को पत्र लिखा मगर पीछे महीने मार्च में सीबीआई की इस मांग को सरकार ने ठुकरा दिया।

इस पत्र जिनके नाम शामिल थे जिसमें वंजारा और अमीन उन सात आरोपियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ इस मामले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किए थे। वंजारा पूर्व डीआईजी हैं और एनके अमीन रिटार्यड एसपी है।

बता दें कि साल 2004 15 जून को मुंब्रा निवासी 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को अहमदाबाद के पास पुलिस ने एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था।

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