जेएनयू के कथित राजद्रोह मामले में तीन साल बाद दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट तो दाखिल कर दी है लेकिन इस मामले पर कोर्ट तभी संज्ञान लेगा जब दिल्ली सरकार इस चार्जशीट को हरी झंडी देगी। पुलिस को अभी तक सरकार से अनुमति नहीं मिली है।

दरअसल, ऐसे मामलों में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होती है। दिल्ली सरकार का लॉ डिपार्टमेंट दिल्ली पुलिस को अनुमति देता है। जिसके बाद यह फाइल उपराज्यपाल के पास इजाज़त के लिए भेजी जाती है। अगर इजाज़त नहीं मिली तो चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान नहीं लेगा।

बता दें कि 19 जनवरी को मामले की कोर्ट में सुनवाई होनी है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिस दिन चार्जशीट पेश की उसी दिन दिल्ली सरकार के लॉ डिपार्टमेंट के पास इजाज़त लेने के लिए फाइल भेज दी थी।

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गौरतलब है कि इस मामले में विपक्षी दल कन्हैया का समर्थन करते रहे हैं। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार जेएनयू के छात्रों को फंसाकर विरोध की आवाज़ को दबाना चाहती है। ऐसे में दिल्ली की आप सरकार पुलिस की चार्जशीट को हरी झंडी देती है या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।

बता दें कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट सेक्शन-124 A, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120B के तहत पेश की गई है। 12 सौ पन्नों की चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं।

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चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस के मुताबिक, उसको कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है।

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