दिल्ली पुलिस द्वारा जेएनयू मामले में तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल किए जाने को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर विपक्षी नेताओं से लेकर कई पत्रकारों और समाजसेवियों ने ऐतराज़ जताया है। वहीं सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को लेकर मज़ाक भी बनाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्कशीट से जोड़कर तंज़ कसा जा रहा है। दरअसल, लंबे समय से पीएम मोदी की मार्कशीट सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक उनकी मार्कशीट को पेश नहीं किया गया है।
वहीं जेएनयू मामले में बिना किसी मांग के तीन साल बाद अचानक लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई है।
ट्विटर पर सुमन सेनगुप्ता नाम के एक यूज़र ने चार्जशीट दाखिल किए जाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्कशीट से जोड़ते हुए लिखा, “चार्जशीट मिल गया कन्हैया कुमार का, मार्कशीट नहीं मिला मोदी का”।
Chargesheet mil gaya @kanhaiyakumar ka
Mark sheet nehi mila @narendramodi ka pic.twitter.com/ywqZcJiawp
— suman sengupta সুমন سومون (@sumonseng) January 14, 2019
वहीं समाजवादी पार्टी की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने इस मामले में गोदी मीडिया की कवरेज पर सवाल खड़े करते हुए लिखा, “झूठी डिग्री वालों को पूजनीय बनाया, और डॉक्टरेट वालों को देशद्रोही। पत्रकार से चाटुकार बन गये, धन और सत्ता के लोभी”!
झूठी डिग्री वालों को पूजनीय बनाया,
और डॉक्टरेट वालों को देशद्रोही ।
पत्रकार से चाटुकार बन गये,
धन और सत्ता के लोभी ! #TukdeTukdeChargesheet— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) January 14, 2019
12 सौ पेज की चार्जशीट में कुल 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयद उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम शामिल है। वहीं, इस चार्जशीट में 36 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें शेहला राहिश का नाम भी शामिल है। हालांकि इन 36 लोगों के खिलाफ़ पुलिस को कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं।
चार्जशीट में मामले के गवाहों के बयान सीआरपीसी की ऐसी धारा के तहत दर्ज किए गए हैं कि बयान से पलटने पर उन्हें सज़ा मिल सकती है। गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है।
बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। लेकिन बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत मिल गई थी।