बीजेपी आईटी सेल चीफ़ अमित मालवीय को नागरिकता कानून के विरोध में धरने पर बैठी शाहीन बाग़ की महिलाओं की छवि धूमिल करने के मामले में मानहानि का नोटिस भेजा गया है।
मालवीय को ये नोटिस धरने पर बैठी नफीसा बानो और शहज़ाद फातमा की ओर से प्रदर्शनकारियों के सलाहकार वरिष्ठ वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। नोटिस में मालवीय से तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई।
अमित मालवीय को नोटिस भेजे जाने पर बोलीं बॉलीवुड एक्ट्रेस- शाबाश शाहीन बाग़ की बहादुर महिलाओं
महिलाओं द्वारा बीजेपी आईटी सेल चीफ़ को नोटिस भेजे जाने पर बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राजद ने ट्वीट कर लिखा- BJP देश की सबसे धनी राजनीतिक दल है! नोटबन्दी जैसे कारनामों से इतना काला धन अर्जित किया है जिसकी कोई सीमा नहीं! अगर Shaheen Bagh Protest बिकाऊ होता तो BJP एक दिन में इसे बंद करवा देती! सच्चाई यह है कि आज शाहीन बाग की प्रेरणा से हज़ारों शाहीन बाग़ देश के हर कोने में दिख रहे हैं!
BJP देश की सबसे धनी राजनीतिक दल है! नोटबन्दी जैसे कारनामों से इतना काला धन अर्जित किया है जिसकी कोई सीमा नहीं!
अगर #ShaheenBaghProtest बिकाऊ होता तो BJP एक दिन में इसे बंद करवा देती!
सच्चाई यह है कि आज #शाहीन_बाग की प्रेरणा से हज़ारों #शाहीनबाग़ देश के हर कोने में दिख रहे हैं! https://t.co/G3hwgzlajW
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) January 21, 2020
मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को खराब करने के लिए प्रदर्शनकारियों की छवि फेक वीडियो के ज़रिए धूमिल करने की कोशिश की। मालवीय को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “आपने प्रदर्शनकारी महिलाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर और उनको प्रचारित करके अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत लोगों का ध्यान खींच रहे प्रदर्शनकारियों का अपमान किया है।”
शाहीन बाग़ की महिलाओं को बिकाऊ बताना अमित मालवीय को पड़ा भारी, भेजा गया 1 करोड़ का नोटिस
नोटिस में आगे कहा गया है कि आपके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 500-700 रुपये ले रही हैं,
केवल झूठ ही नहीं है, बल्कि इससे प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच बदनाम किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाएं इस बात से नाराज हैं कि उन पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।