shaheen bagh
Shaheen Bagh

नागरिकता कानून के विरोध में चल रहे शाहीन बाग़ के प्रदर्शन को बिकाऊ बताना बीजेपी आईटी सेल चीफ़ अमित मालवीय को महंगा पड़ गया है। धरने पर बैठी महिलाओं ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है।

मालवीय को ये नोटिस धरने पर बैठी नफीसा बानो और शहज़ाद फातमा की ओर से प्रदर्शनकारियों के सलाहकार वरिष्ठ वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। नोटिस में मालवीय से तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई।

मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को खराब करने के लिए प्रदर्शनकारियों की छवि फेक वीडियो के ज़रिए धूमिल करने की कोशिश की। बता दें कि अमित मालवीय ने हाल ही में शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था।

जिसमें उन्होंने ये दावा किया था कि धरने पर बैठने के लिए महिलाओं को रोज़ाना 500-700 रुपए भुगतान किया जा रहा है। हालांकि जब वीडियो की सत्यता पर सवाल उठे तो वह अपना दावा साबित नहीं कर पाए।

मालवीय को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “आपने प्रदर्शनकारी महिलाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर और उनको प्रचारित करके अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत लोगों का ध्यान खींच रहे प्रदर्शनकारियों का अपमान किया है।”

नोटिस में आगे कहा गया है कि आपके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 500-700 रुपये ले रही हैं, केवल झूठ ही नहीं है, बल्कि इससे प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच बदनाम किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाएं इस बात से नाराज हैं कि उन पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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