lucknow CAA
Lucknow CAA Protest

शांतिपूर्ण प्रदर्शन भारत के हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन अब बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में नागरिकों से ये अधिकार छीना जा रहा है। सूबे की पुलिस अब नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्ण ढ़ंग से धरने पर बैठी महिलाओं को दंगाई बताकर उनके खिलाफ़ केस दर्ज कर रही है।

मामला राजधानी लखनऊ का है। जहां पिछले कुछ दिनों से नागरिकता कानून के विरोध में महिलाएं अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। इन्हीं महिलाओं के ख़िलाफ़ पुलिस ने ‘दंगा करने’ और ‘गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने’ के तीन केस दर्ज किए हैं। पुलिस ने धरने पर बैठी दर्जनों महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिनमें मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटियां सुमैया राणा और फौज़िया राणा भी शामिल हैं।

दरअसल, पुलिस ने इन महिलाओं के खिलाफ़ ये केस महिला कॉन्स्टेबल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया है। जिसमें उसने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों ने उसके साथ हाथापाई की। जिन प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर महिला कॉन्स्टेबल को धक्का दिया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया, उन पर दंगा करने और गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने के मामले में केस दर्ज किया गया है।

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वहीं प्रदर्शनकारियों ने महिला कॉन्स्टेबल की इस सिकायत को बेबुनियाद बताया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस पहले दिन से ही प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश कर रही है।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि धरने को रोकने के लिए पुलिस शनिवार को धरनास्थल से कम्बल और खाने का सामान भी उठा ले गई थी। लेकिन इसके बावजूद जब प्रदर्शन नहीं रुका तो पुलिस ने हमें दंगाई बताकर हमारे खिलाफ़ केस दर्ज करना शुरु कर दिया।

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