बीजेपी आईटी सेल चीफ़ अमित मालवीय को नागरिकता कानून के विरोध में धरने पर बैठी शाहीन बाग़ की महिलाओं की छवि धूमिल करने के मामले में मानहानि का नोटिस भेजा गया है।
मालवीय को ये नोटिस धरने पर बैठी नफीसा बानो और शहज़ाद फातमा की ओर से प्रदर्शनकारियों के सलाहकार वरिष्ठ वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। नोटिस में मालवीय से तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई।
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महिलाओं द्वारा मालवीय को नोटिस भेजे जाने की बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रुति सेठ ने प्रशंसा की है। उन्होंने बीजेपी की ट्रॉल आर्मी पर हमला बोलते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “बहादुर महिलाएं! बिके हुए ट्रॉल्स के लिए यह समझना मुश्किल है कि नागरिक सच में अपने देश से सच्चा प्यार करते हैं, जिसे खरीदा और बेचा नहीं जा सकता”।
Bravo ladies!
It’s hard for paid trolls to understand that citizens actually have true love for their country, which can’t be bought and sold for measly sumsGive them hell, ladies!https://t.co/ETkYxVFxSm
— Shruti Seth (@SethShruti) January 21, 2020
मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को खराब करने के लिए प्रदर्शनकारियों की छवि फेक वीडियो के ज़रिए धूमिल करने की कोशिश की। बता दें कि अमित मालवीय ने हाल ही में शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
जिसमें उन्होंने ये दावा किया था कि धरने पर बैठने के लिए महिलाओं को रोज़ाना 500-700 रुपए भुगतान किया जा रहा है। हालांकि जब वीडियो की सत्यता पर सवाल उठे तो वह अपना दावा साबित नहीं कर पाए।
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मालवीय को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “आपने प्रदर्शनकारी महिलाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर और उनको प्रचारित करके अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत लोगों का ध्यान खींच रहे प्रदर्शनकारियों का अपमान किया है।”
नोटिस में आगे कहा गया है कि आपके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 500-700 रुपये ले रही हैं, केवल झूठ ही नहीं है, बल्कि इससे प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच बदनाम किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाएं इस बात से नाराज हैं कि उन पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।