नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ देशभर में प्रदर्शन जारी हैं। इस कानून का विरोध जहां आमजन और छात्र कर रहे हैं, वहीं बॉलीवुड सितारे भी इसके ख़िलाफ़ मुखर रुप से सामने आए हैं। अब बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने भी कानून का विरोध करते हुए इसपर अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है।
नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने माना कि सरकार नागरिकता कानून के ज़रिए मुसलमानों को डराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को नागरिकता साबित करने के लिए मजबूर कर रही है। पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज को ही प्रमाण मानने से मना किया जा रहा है। ये दस्तावेज क्या नागरिकता का प्रमाण नहीं हैं?
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नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि मेरे पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है और अब मैं इसे बनवा भी नहीं सकता। ये न होने के वजह से क्या हम सभी को बाहर कर देंगे। भारत में 70 साल रहने के बाद मैं खुद को भारतीय साबित नहीं कर पाया तो पता नहीं क्या होगा।
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए संशोधित नागरिकता कानून (CAA) में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शर्णार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। कानून में मुसलमानों को बाहर रखा गया है। जिसको लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
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विपक्षी नेताओं से लेकर देश की कई जानी मानी हस्तियां और सुप्रीम कोर्ट के कई वरिष्ठ वकील कानून को पक्षपातपूर्ण बताकर इसे वापस लिए जाने की मांग कर चुके हैं। कानून को धर्म के आधार पर बनाए जाने को लेकर देशभर में इसके ख़िलाफ़ व्यापक तौर पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। पंजाब और केरल तो इस कानून के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार इसे वापस लेती दिखाई नहीं दे रही।