पिछले दिनों अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार की आलोचना की थी। इसपर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए कहा था कि कुछ लोगों को चुनाव से पहले डर लगने लगता ये उनका अपना एजेंडा होता इसलिए वो ऐसा करते है।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद एक बार फिर नसीरुद्दीन शाह ने देश के मौजूदा हालत पर चिंता व्यक्त की है। शाह ने कहा कि भारत में धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस ‘अन्याय’ के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि ‘कलाकारों, अभिनेताओं, शोधार्थियों, कवियों सभी को दबाया जा रहा है। पत्रकारों को भी चुप कराया जा रहा है। धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। निर्दोषों की हत्या की जा रही है। देश भयानक नफरत और क्रूरता से भरा हुआ है।
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शाह ने कहा कि जो भी नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा होता है उन्हें चुप कराने के लिए उनके घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की जाती है। उनके बैंक खातों को जब्त कर लिया जाता है और उनके लाइसेंस रद्द किए जाते हैं।
अभिनेता ने कहा कि ‘हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है? जहां कभी कानून था लेकिन अब बस अंधकार है।
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बता दें कि इससे पहले बुलंदशहर की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि जिस तरह का आज माहौल देश में बन रहा है जिसमें एक इंसान से ज्यादा एक गाय की जान ज्यादा अहमियत रखती है ऐसी घटनाओं के देख गुस्सा आता है की ऐसा क्यों हो रहा है।