देश चुनावी मोड पर है। ऐसे वक़्त में जब सभी राजनीतिक दल एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे हुए है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव में धार्मिक टिप्पणी करने पर सख्त नाराजगी जताई है।

राहुल गांधी ने कांग्रेस नेता सीपी जोशी के उस बयान को वापस लेने को कहा है जिसमें उन्होंने धर्म के बारे में कोई जानता है तो केवल पंडित जानते हैं।

इस बयान पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा- सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें, जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुंचे।

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कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशी जी को ज़रूर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।

इसके बाद सीपी जोशी ने गलती मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुँची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूँ।

क्या है मामला?

दरअसल कांग्रेस नेता सीपी जोशी नाथद्वारा की एक जनसभा में कहा था कि धर्म के बारे में किसी को कुछ नहीं पता इसके बारे में सिर्फ पंडित जानता है। उन्होंने पीएम मोदी, उमा भारती और साध्वी ऋतंबरा पर हमला तीखा हमला करते हुए कहा था कि ये नेता हिंदू धर्म की बात करते है।

मगर एक कांग्रेसी हिंदू नहीं हो सकता उन्हें सर्टिफिकेट देने की अथॉरिटी किसने दी? क्या उन्होंने कोई यूनिवर्सिटी खोल रखी है? धर्म के बारे में कोई जानता है तो केवल पंडित जानते हैं।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का इस बयान पर नाराज़ होना दर्शाता है की धार्मिक टिप्पणी से कैसे बचा जा सकता है। वो भी तब जब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहें हो।

वहीँ दूसरी तरफ मंदिर निर्माण को लेकर रोज टीवी डिबेटों में जो जहरीले भाषण चलते है उसपर खेद प्रकट करवाना चाहिए।

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