
सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति एनकाउंटर मामले में अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। इन मामलों के पूर्व मुख्य जांच अधिकारी अमिताभ ठाकुर के बाद अब इस केस से जुड़े एक और जांच अधिकारी संदीप तामगड़े ने अदालत में अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
तामगड़े ने अमित शाह के साथ ही डीजी वंजारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश एमएन जैसे आईपीएस अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि ये राजनेता और अपराधियों की साठगांठ का नतीजा था।
तामगड़े ने बुधवार को अदालत में अपनी जांच के हवाले से बताया कि बीजेपी नेता अमित शाह के साथ ही डीजी वंजारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश एमएन जैसे आईपीएस अधिकारी पूरे हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता थे।
उन्होंने बताया कि जांच में मिले सबूतों के आधार पर ही इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि इस केस से जुड़े दस्तावेज़ भी ग़ायब हैं।
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पूर्व जांच अधिकारी के इस खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “भगवत गीता में लिखा है, आप सच से पीछा नहीं छुड़ा सकते और यह हमेशा वही रहता है।
संदीप तामगड़े ने अपनी गवाही में अमित शाह को मुख्य साज़िशकर्ता बताया है। यह बीजेपी के लिए बिल्कुल उचित है कि उसके पास अध्यक्ष के तौर पर ऐसा इंसान हैं”।
The Gita says you can never escape the truth and so it has always been.
Sandeep Tamgadge has called Amit Shah a “key conspirator” in his testimony.
It's completely appropriate for the BJP to have such a man as its President. https://t.co/yDDvf27zce
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 22, 2018
बता दें कि सोहराबुद्दीन शेख की 26 नवंबर, 2005 को फेक एनकाउंटर में हत्या की गई थी। वहीं, 28 दिसंबर, 2006 को उनके साथी तुलसीराम प्रजापति की गुजरात में एक फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी गई थी। नगालैंड कैडर के पुलिस अधिकारी संदीप तमगड़े ने अप्रैल 2012 से मुख्य जांच अधिकारी के रूप में इस मामले की जांच की थी।
तमगड़े ने कोर्ट को बताया कि नेताओं-अपराधियों का एक नेक्सस बना हुआ था। अमित शाह और राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति और आजम खान जैसे लोगों का इस्तेमाल कर साल 2004 में नामी बिल्डरों के यहां हमला कराया था।
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इस मामले में कुल 38 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था। 2014 से 2017 के बीच ट्रायल कोर्ट ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सभी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों समेत 16 को बरी कर दिया था। फिलहाल जो 22 आरोपी हैं, उनमें पुलिस इंस्पेक्टर, असिस्टेंट इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, सिपाही एक अन्य व्यक्ति शामिल है।
ग़ौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही तत्कालीन सीबीआई एसपी अमिताभ ठाकुर ने भी अपनी गवाही में अमित शाह और दूसरे बड़े पुलिस अधिकारियों को मामले में राजनीतिक और आर्थिक फायदा होने की बात कही थी।