कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भले ही रोज़ाना हाई लेवल मीटिंग कर रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत एकदम उलट है। ज़मीन पर खुद स्वास्थ्यकर्मियों का टोटा पड़ा हुआ है। गोंडा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की 108 नामक एम्बुलेंस के सभी ड्राइवर्स और तकनीशियन अपने-अपने घर चले गए हैं।
दरअसल इन ड्राइवर्स और तकनीशियनों का महीनों से वेतन रुका हुआ है। जिसकी वजह से इनका कहना है कि, अगर हमारी तनख्वाह नहीं मिलेगी तो कोविद 19 के दौरान हम अपनी सेवाएं नहीं देंगे। अब ये कर्मचारी तनख्वाह न मिलने पर नाराज़ होकर प्रदर्शन पर चले गए हैं।
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चिंता की बात यह है कि यही हाल यूपी के कई इलाकों से सामने आ रहा है। अगर इतनी भारी मात्रा में स्वास्थ्यकर्मी छुट्टी पर अपने घर चले जाते हैं तो स्थिति भयावह हो सकती है।
कर्मचारियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, हम लोगों को न तो मास्क दिया गया है न ही सेनिटाइजर। दो महीने से हमारी सैलरी नहीं दी गई है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किट भी नहीं दी गई है, हमें सुरक्षा भी नहीं दी जा रही है।
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योगी सरकार को मीटिंग की बजाय ज़मीन पर कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को जरूरी किट मुहैया करानी चाहिए वर्ना आम लोगों के इलाज में बड़ी दिक्कतें सामने आ सकती हैं।