उत्तर प्रदेश के बरेली में अमानवीयता की सारी हदें पार हो गई हैं। यहां दूसरी जगहों से आए गरीब मजदूर, महिलाएं और बच्चों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया गया है। बताया जा रहा है कि ये केमिकल डेंगू के मच्छर के लार्वा को मारने के काम आता है। केमिकल के छिड़काव की वजह से बच्चों सहित अन्य मजदूरों की आंखों में जलन की शिकायत सामने आ रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें वो मजदूर भी शामिल हैं जो नोएडा से परिवार सहित पैदल चलकर बरेली पहुंचे थे। गरीबों पर किये गए इस अमानवीय घटना ने योगी सरकार के द्वारा किये जा रहे सभी दावों की पोल खोलकर रख दी है।
साथ ही सरकार की वो सारी तैयारियां भी धरी की धरी रह गईं हैं जिनके बारे में दावे किए जा रहे थे कि कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए सरकार तैयार है। बरेली प्रशासन ने बाकायदा मजदूरों को खुली सड़क पर बिठा दिया और फिर इसके बाद सैनिटाइज के नाम पर केमिकल का छिड़काव कर दिया।
सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल होने के बाद और दबाव बढ़ने के बाद बरेली के डीएम ने ट्वीट करते हुए गलती स्वीकार कर है। डीएम ने लिखा है कि, “इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
गरीबों के दम पर सरकार बनाने वाले लोगों ने अमीर विदेशों से उड़ के आया, तो उन्हें जाने दिया। ग़रीब अपने शहर पहुँचा, तो उन्हें सड़क पर बिठाकर डिसइंफेक्टेन्ट से धोया जा रहा है। जैसे वो इंसान न हों पशु हों।