Swati Singh

भाजपा की योगी सरकार में जमकर भ्रष्टाचार सामने आ रहे हैं। ताज़ा भ्रष्टाचार का मामला मंत्री स्वाति सिंह के मंत्रालय के विभाग से जुड़ा है, इस भ्रष्टाचार में 38 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है।

जबकि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का राग अलापते रहते हैं। साफ़ सुथरी छवि बनाने की भरपूर कोशिश की जाती है ताकि जनता भ्रष्टाचार पर बात ही ना करे।

दरअसल योगी सरकार की मंत्री स्वाति सिंह के बाल विकास पुष्टाहार विभाग में 38 करोड़ के टेंडर में बड़ा हेरफेर किया गया है। स्वाति सिंह पर भ्रष्टाचार का ये कोई पहला मामला नही है, इससे पहले उनके पूर्व के विभाग में भी भ्रष्टाचार की कई जाचें चल रही हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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सरकार की नई स्कूल नीति के अंतर्गत बाल विकास पुष्टाहार विभाग सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में तब्दील कर रहा है। यह बदलाव बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से लाया जा रहा है। बच्चों के लिए नए फर्नीचर की खरीद के लिए हर जिले को 50 लाख का ग्रांट सरकार ने दिया है जिसकी मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जाती है।

बता दें कि इस विभाग के निदेशक शत्रुघ्न सिंह पर भ्रष्टाचार को शह देने का आरोप है। स्वाति सिंह का विभाग निजी कंपनी सुप्रीम फर्नीचर को टेंडर दिलाने के लिए सारी कंपनियों को पहले ही बिड से डिसक्वालिफाई कर 19 जिलों में सिर्फ सुप्रीम फर्नीचर को ही टेंडर दिया गया है। अभीतक 22 जिलों में टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन सवाल उठता है कि सरकार सुप्रीम फर्नीचर पर ही क्यों मेहरबान है?

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