उत्तर प्रदेश की राजधानी में लोकभवन के सामने एक मां और बेटी ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की। बुरी तरह से जल चुकी मां और बेटी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस घटना की खबर आते ही जहां एक तरफ योगी के प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आती है वहीं दूसरी तरफ समूचे उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक रवैए पर सवाल उठाता है। क्योंकि अमेठी की ये महिलाएं राजधानी लखनऊ में आकर आत्मदाह इसलिए करती हैं क्योंकि जमीन विवाद मामले में वो लगातार पुलिस में शिकायत करती रही हैं लेकिन पुलिस प्रशासन ने साथ देने से इनकार कर दिया।
प्रशासन की अनदेखी से आहत इन महिलाओं को शायद यही आखरी रास्ता दिखाई दे रहा था जिससे योगी सरकार की आंख खुल सके।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा- ‘लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं.
क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है !’
दरअसल यह पहला मामला नहीं है जब योगी सरकार को जगाने के लिए किसी नागरिक को आत्मदाह करने की कोशिश करनी पड़ी हो। इसके पहले भी उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने भी आत्मदाह करने की कोशिश की थी।
हालांकि उस घटना के बाद भी पीड़िता की मौत नहीं हुई थी, मगर उसे भाजपा के ही नेता रहे कुलदीप सिंह सेंगर ने जिंदा मौत मार दिया था, पूरे परिवार को बारी बारी से मौत के घाट उतार दिया था।
लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं.
क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है !
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2020