उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल एक्शन मोड में आ चुके हैं। नेताओं के दल बदलने के साथ-साथ, अब राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें वह विधानसभा के अंदर सोते हुए नजर आ रहे हैं। इसे लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कई सवाल उठाएं हैं।
बेरोजगारी किसानों की दुर्दशा और राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा है कि
सरकार इन सब मुद्दों पर ना सदन में चर्चा करती है और ना ही इन्हें सदन से बाहर होने देती है। जब लोग पीड़ा में होते हैं तो सरकार सोती रहती है और सदन में मुख्यमंत्री सोते रहते हैं।
वही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर चुटकी ली है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि “ये आरोप निराधार है कि ‘माननीय’ सदन में निद्रा में लीन थे। सच तो ये है कि वो इस चिंतन में लीन थे कि उनके समय में प्रदेश की जो दुर्दशा हुई है और उसके कारण जनता में जो असीमित आक्रोश है, उसका सामना कैसे किया जाए और अगले चुनाव में प्रत्याशी कहाँ से लाये जाएं।”
ये आरोप निराधार है कि ‘माननीय’ सदन में निद्रा में लीन थे। सच तो ये है कि वो इस चिंतन में लीन थे कि उनके समय में प्रदेश की जो दुर्दशा हुई है और उसके कारण जनता में जो असीमित आक्रोश है, उसका सामना कैसे किया जाए और अगले चुनाव में प्रत्याशी कहाँ से लाये जाएं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 18, 2021
दरअसल बीते दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र की शुरुआत हुई है। मानसून सत्र से पहले राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की थी कि वह मॉनसून सत्र में भाग लेकर जनहित के मुद्दों पर चर्चा करें।
अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्र के पहले ही दिन सदन के अंदर सोते हुए नजर आए। जिसके चलते सियासी गलियारों में भाजपा की एक बार फिर से किरकिरी हो रही है