उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही रेप और हत्या की घटनाओं ने देश को हिला कर रख दिया है। हाथरस और बलरामपुर की घटना के बाद राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेप की वारदातों की खबरों में सामने आ रही है।

अब यूपी की राजधानी लखनऊ में 11वीं कक्षा की दलित छात्रा के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज खबर ने लोगों का दिल दहला कर रख दिया है।

बताया जा रहा है कि इस दलित छात्रा को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया गया। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की लापरवाही की बात भी सामने आई है।

यूपी पुलिस ने 1 महीने तक इस संदर्भ में केस दर्ज नहीं किया। पीड़िता जब शिकायत करने के लिए थाने पहुंची तो पुलिस उसे एक महीने तक टालती रही। लेकिन हाथरस मामले के बाद पुलिस ने दबाव में आकर पीड़िता की एफआईआर दर्ज की।

जानकारी के मुताबिक, थाना गुंडवा क्षेत्र में रहने वाली दलित छात्रा का आरोप है कि विपिन नामक एक शख्स ने उसे नौकरी लगवाने की बात कही थी। उसने पीड़िता को डाक्यूमेंट्स लेकर अपने घर पर बुलाया था।

जब पीड़िता उसके घर पहुंची तो उसके अलावा वहां पर चार युवक पहले से ही मौजूद थे। जिन्होंने पीड़िता को बंधक बनाकर गैंगरेप किया।

एक हफ्ते बाद जब पीड़िता की तबीयत बिगड़ने लगी तो आरोपी उसे वहीं पर छोड़कर फरार हो गए। पीड़िता ने बताया है कि आरोपी विपन ने उसे पुलिस में एफआईआर ना लिखवाने की धमकी दी थी।

पीड़िता ने 3 सितंबर को गुडंबा थाने में शिकायत की। लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। हाथरस घटना के बाद पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज की।

इस मामले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने ट्वीट कर लिखा है कि “यूपी का जंगलराज। अब राजधानी लखनऊ में 11 वीं क्लास की दलित छात्रा के साथ एक हफ्ते तक बंधक गैंगरेप का मामला सामने आया है। अब इस केस को दबाने के लिए योगी जी किस PR कम्पनी को लगाएंगे।”

 

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