![Rama](https://boltahindustan.com/wp-content/uploads/2021/11/Rama-696x308.jpg)
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। चर्चा में बने रहने के लिए राजनीतिक दलों के नेता आपत्तिजनक बयानबाजी कर रहे हैं।
इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने अयोध्या में भगवान राम को लेकर ऐसा दावा कर दिया है। जिससे संत समाज में नाराजगी देखने को मिल रही है।
यहां तक कि भाजपा और निषाद पार्टी के गठबंधन पर भी खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं।
दरअसल संत समाज के लोगों ने भाजपा को चेतावनी दी है कि निषाद पार्टी के साथ गठबंधन खत्म कर दिया जाए।
दरअसल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा है कि भगवान राम राजा दशरथ की संतान नहीं। बल्कि संत श्रृंगी ऋषि के पुत्र थे।
उनका कहना है कि जब राजा दशरथ को संतान नहीं हो रही थी तो उन्होंने संत श्रृंगी ऋषि से एक यज्ञ करवाया।
उसके बाद तीनों रानियों को विशेष रूप से तैयार की गई खीर खिलाई गई और उसके बाद ही पुत्रों का जन्म हुआ। लेकिन खीर खाने से कोई महिला गर्भवती नहीं होती है।
इस मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भाजपा समर्थक न्यूज़ चैनलों पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “क्या मुकेश अंबानी के चैनल संजय निषाद द्वारा श्रीराम पर दिए इस अभद्र बयान पर डिबेट करेंगे? इससे ज्यादा घटिया और तुच्छ मानसिकता से प्रेरित बयान आज तक नहीं दिया गया।
पर आज नॉएडा मीडिया में सन्नाटा रहेगा, क्यूँकि निषाद भाजपा के साथ हैं। इनकी रामभक्ति भी नक़ली है और ये खुद भी।
क्या मुकेश अंबानी के चैनल संजय निषाद द्वारा श्रीराम पर दिए इस अभद्र बयान पर डिबेट करेंगे?
इससे ज्यादा घटिया और तुच्छ मानसिकता से प्रेरित बयान आज तक नहीं दिया गया। पर आज नॉएडा मीडिया में सन्नाटा रहेगा, क्यूँकि निषाद भाजपा के साथ हैं।
इनकी रामभक्ति भी नक़ली है और ये खुद भी। pic.twitter.com/WCdWOYjF4a
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) November 9, 2021
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए अयोध्या और राम मंदिर हमेशा चुनावी मुद्दा बना रहा है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के सहयोगी दल के नेता द्वारा भगवान राम पर दिए गए इस तरह के बयान पर योगी सरकार द्वारा कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दूसरी तरफ से भाजपा का समर्थन करने वाले न्यूज़ चैनलों द्वारा संजय निषाद के बयान पर भी चुप्पी साधी हुई है।