संविधान ने सबसे बड़ी ताकत जनता को अपना प्रतिनिधि चुनने को दी है। जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जब जनता की मांगों पर खरे नहीं उतरते और चुनाव में जनता के बीच फिर से प्रतिनिधि बनने की मांग को लेकर पहुंचते हैं तो जनता उनको सबक सिखाने का काम करती है।

उत्तर प्रदेश में इसी महीने की 10 फरवरी से पहले चरण के चुनाव होने हैं और सत्ताधारी भाजपा के नेता जनता के बीच भाजपा के समर्थन में वोट की मांग को लेकर पहुंच रहे हैं।

लेकिन जिस प्रकार से भाजपा के नेताओं को जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार की नीतियों से जनता नाखुश नज़र आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के विधायक, मंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तक को उनके क्षेत्र की जनता के विरोध की खबरें मिली हैं।

इसी क्रम में लोकसभा सांसद मनोज तिवारी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह के समर्थन में प्रचार करने नोएडा पहुंचे थे जहां उनको जनता के विरोध का सामना करना पड़ा।

वायरल वीडियो के अनुसार भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह के डोर टू डोर प्रचार के तहत नोएडा के सेक्टर-17 स्थित झुग्गियों झोपड़ियों के बीच पहुंचे।

जहां जनता ने अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाए और सांसद मनोज तिवारी को जूता दिखाकर भाजपा का विरोध किया।

इस घटनाक्रम को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने कहा है कि “भाजपा नेताओं का गांव-गांव खदेड़ा हो रहा है। गांव-गांव भाजपाइयों की पिटाई और विरोध तथा तिरस्कार हो रहा है।

खुद को विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक दल कहने वाली भाजपा की ऐसी दुर्दशा वो भी डबल इंजन को सरकार के बावजूद? ये भाजपाइयों के लिए सोचने की और शर्मनाक बात है।”

ऐसे ही पिछले दिनों यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने ग्रह जनपद के विधानसभा सिराथू पहुंचे थे और भाजपा ने उनको वहां से प्रत्याशी भी घोषित किया है।

प्रत्याशी घोषित होने के बाद जब केशव प्रसाद मौर्य सिराथू पहुंचे थे उनको भी जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था।

चुनाव के दौरान कई भाजपा नेताओं के विरोध मामले सामने आ रहे हैं अब देखना ये होगा कि जनता के विरोध का समाधान भाजपा कैसे निकलती है ? या जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देगी?

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