हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उसका शव यूपी पुलिस द्वारा जबरदस्ती रातों-रात जला दिया गया है। परिवार द्वारा पारंपरिक रूप से पीड़िता का अंतिम संस्कार किए जाने की मांग की गई थी।

लेकिन इसके विपरीत पुलिस ने मृतका के परिजनों को घर में बंद कर रात के 2:30 बजे ही उसके शव को जला दिया।

मृतक युवती के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बिना बताए शव को घर से दूर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि पूरा परिवार और रिश्तेदार इसका विरोध कर रहे थे।

दरअसल शव के पहुंचने के बाद ही परिजनों और गांव वालों ने हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस की ओर से दबाव बनाया जाने लगा कि शव का अंतिम संस्कार देर रात को ही कर दिया जाए।

इस मामले में पत्रकार रोहिणी सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “परिवार का ताजा बयान सुन कर हर हिंदुस्तानी की रूह काँप जाएगी।

लड़की का शव जलाने की इतनी जल्दी थी कि पुलिस ने जलती चिता पर पेट्रोल डाल दिया जिससे उसका शव जल्दी से जल्दी जल कर खाक हो जाए।

ऐसी अंतिम यात्रा किसी दुश्मन के लिए भी कल्पना नहीं की जा सकती, जो यूपी पुलिस ने एक बेटी को दी।”

बताया जाता है कि पुलिस ने मृतक युवती के शव को जलाने के लिए उसकी चिता में पेट्रोल डाल दिया था कि लाश जल्द से जल्द जलकर राख हो जाए।

योगी सरकार की पुलिस पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी वजह से पीड़िता के शव को रातों-रात जला दिया गया था ताकि बचे हुए सबूतों को पूरी तरह से मिटा दिया जाए।

इस मामले को लेकर आरोप लग रहे है कि इस जघन्य घटना पर जानबूझकर राजनीति की जा रही है। उल्टे सीधे बयान दिए जा रहे हैं कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ। इस मामले को शांत करने के लिए यह सब किया जा रहा है।

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