उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप और हत्याकांड मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को हाथरस के एससी-एसटी कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की है।

अपनी चार्जशीट में सीबीआई ने साफ शब्दों में लिखा है कि पीड़िता का गैंगरेप कर हत्या की गई। इस मामले में हाथरस प्रशासन ने गैंगरेप की बात से इनकार किया था। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठे थे।

अब सीबीआई की चार्जशीट में आरोप तय किए जाने के बाद योगी सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया।

उन्होंने लिखा, “हाथरस कांड पर CBI जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद, आदित्यनाथ सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नही हैं। पूरी सरकार बलात्कारियों को बचाने में लगी थी, लेकिन सरकार को कोर्ट और CBI दोनों से अपमानित होना पड़ा”।

अपनी चार्जशीट में सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 325 एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354 व 376ए, 376 डी व 302 के तहत मामला दर्ज किया है। अब कोर्ट इस मामले में फैसला लेगी।

आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि CBI ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गैंगरेप और हत्या के आरोप तय किए हैं। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं।

बता दें कि हाथरस में 14 सितंबर को 20 साल की दलित युवती से रेप का मामले सामने आया था। युवती के परिजनों ने गांव के ही उच्च जाति के 4 युवकों पर लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की कुछ दिन बाद मौत हो गई थी।

हाथरस में 30 सितंबर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कथित तौर पर बिना परिजनों की इजाज़त के देर रात उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जब मामले ने तूल पकड़ा तो योगी सरकार ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई की ये जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में की जा रही थी।

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