गौरक्षा के नाम पर किस तरह पशुओं की तस्करी की जा रही है, इसकी एक बानगी कर्नाटक के कर्काला ज़िले में देखने को मिली। यहां ख़ुद को गौरक्षक बताने वाले बजरंग दल के एक पूर्व नेता को पशुओं की चोरी और उन्हें बूचड़खाने में बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम अनिल प्रभु है, जो कि कर्काला ज़िले में हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल का कंवीनर रह चुका है।

अनिल प्रभु की गिरफ्तारी पशुओं की चोरी के आरोप में कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए गए शख़्स मोहम्मद यासीन की गवाही पर की गई है। यासीन से पूछताछ में पुलिस को पता चला था कि प्रभु भी पशुओं की चौरी के गोरखधंधे में उसके साथ शामिल है।

पुलिस ने बताया कि यासीन और अनिल प्रभु आवारा पुशुओं की चोरी करते थे और फिर उन्हें बूचड़खानों में बेच देते थे। इस काम के लिए इन दोनों को मोटी रकम भी मिलती थी।

हालांकि मामला सामने आने के बाद बजरंग दल ने अनिल प्रभु से अपना पल्ला झाड़ा लिया है। बजरंग दल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अनिल प्रभु अब संगठन से जुड़ा नहीं है।

ग़ौरतलब है कि बजरंग दल वो संगठन है, जो ख़ुद को गौरक्षक बताता है। इस संगठन के कई कार्यकर्ताओं का नाम गौरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या तक में आ चुका है।

अब इस संगठन से जुड़े अनिल प्रभु को पशुओं की चोरी और उन्हें बूचड़खाने में बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जिसने बजरंग दल के गौरक्षा के दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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