हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने बिना न्याय मिले ही दम तोड़ दिया था, और अब उसके शव के साथ भी अन्याय हो रहा है।

ख़बर है कि पुलिस ने देर रात पीड़िता का अंतिम संस्कार करवा दिया है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने ऐसा उनकी मर्ज़ी में खिलाफ़ किया है और वह शव को घर तक ले जाना चाहते थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, पुलिस शव और परिवार समेत आधी रात पीड़िता के गांव पहुंची थी। परिवार का विरोध करने के बावजूद उसका रात 3 बजे अंतिम-संस्कार कर दिया गया।

सोशल मीडिया पर पीड़िता की मां का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रही हैं- “हम चाहते हैं हमारी बेटी को घर तक ले जाया जाए। हमारे जो हिंदू नियम है, हमें हल्दी लगानी होती है। हल्दी लगाके ही हमारी बच्ची की आख़िरी बिदाई हो। (वो) लौटके तो दोबारा नहीं आएगी।”

यकीनन पुलिस तक इस मां का दर्दनाक अपील नहीं पहुंची और उन्होंने कथित तौर पर परिवार की मर्ज़ी के विरुद्ध पीड़िता का अंतिम संस्कार करवा दिया।

पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुलिस ने किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की और न ही परिवार के खिलाफ़ जाकर लड़की का दाह संस्कार करवाया। ज़्यादातर अंतिम संस्कार दिन में ही होते हैं, तो सवाल उठता है कि आख़िर अंतिम संस्कार इतनी रात में क्यों करवाया गया?

आपको बता दें कि इस दलित लड़की के साथ 14 सितंबर को 4 आदमियों ने हाथरस के एक गांव में गैंग रेप किया था। इसके बाद लड़की की स्थिति खराब हो गयी और उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। 29 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया।

देश भर में पीड़िता के लिए न्याय की मांग उठ रही है। पुलिस के ऊपर सवाल उठ रहे है। स्वाति चतुर्वेदी का कहना है “यह तो आंतक है। पुलिस ने परिवार को घर के अंदर बंद करने के बाद हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता का अंतिम संस्कार किया। यह दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है?”

विपक्षी दल सड़कों पर हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता योगी सरकार से सवाल कर रहे हैं तो दिल्ली में कांग्रेस और भीम आर्मी प्रदर्शन कर रही है।

लेकिन क्या सरकार दलित पीड़िता के लिए उठ रही न्याय की मांग पर कोई एक्शन लेगी? पुलिस पर लगे आरोपों पर कोई कार्यवाही करेगी?

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