उत्तर प्रदेश में सपा बसपा गठबंधन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ये तो जगजाहिर है। इन दलों की आपसी खींचतान में सबसे ज्यादा खुशी भाजपा और कांग्रेस जैसे विरोधी दलों को हो तो कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए।लेकिन हैरानी की बात की है कि सबसे ज्यादा उत्साहित आज का मीडिया है।

सपा-बसपा गठबंधन टूटने की खबर में वह अपनी जीत देख रहा है और बार-बार बातों को तोड़-मरोड़ कर दावा कर रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- कल से मीडिया में जो खबरें चलाई जा रही हैं वो बिल्कुल गलत है और बुरी नीयत के साथ खबरें दिखाई जा रही हैं।

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हालांकि गठबंधन में दरार जरूर पड़ी है क्योंकि बसपा सुप्रीमो ने यादव वोटरों की वफादारी पर सवाल उठाया है साथ ही अखिलेश यादव को संगठन मजबूत करने की नसीहत दी है।

आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा कि वैसे तो बीएसपी उपचुनाव नहीं लड़ती है लेकिन वक्त की जरूरत है कि अपनी स्ट्रेंथ पहचानने के लिए उपचुनाव लड़ना है और यह भी स्पष्ट किया कि उपचुनाव बीएसपी ‘अकेले’ लड़ेगी ।

हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि अकेले चुनाव लड़ने का फैसला सिर्फ उपचुनाव पर लागू होता है और इसे परमानेंट ब्रेक ना समझा जाए।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही मायावती ने स्पष्ट कर दिया था कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव द्वारा दिए गए सम्मान से वो अभिभूत हैं और समाजवादियों से उनका रिश्ता कभी भी खत्म होने वाला नहीं है।

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