केजरीवाल सरकार ने सोमवार को दिल्ली में महिलाओं के लिए DTC बसों और मेट्रो में फ्री यात्रा करने का एलान किया था. उनका कहना था कि ये फैसला महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इस फैसले पर जहाँ एक तरफ उनकी प्रशंसा हो रही है, तो वहीँ दूसरी तरफ जमकर आलोचना भी की जा रही है.
CM केजरीवाल के महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त करने के फैसला पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने अपनी नाराज़गी मीडिया के सामने ज़ाहिर की है. उन्होनें कहा “हम इस फैसले के खिलाफ नहीं है. लेकिन इसके लिए बस कहाँ है? इसके लिए 20 हज़ार बसों की ज़रूरत पड़ेगी लेकिन हमारे पास केवल 3,500 से 3,800 बस ही हैं.”
इसी पर दिल्ली में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि ये सब चुनावी स्टंट है. विजेंद्र गुप्ता ने ये बयान इसलिए भी दिया है क्यूंकि दिल्ली विधानसभा के चुनाव करीब आ रहे हैं.
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लेकिन भाजपा नेताओं के इन सवालों पर उल्टा सवाल उठ रहे हैं. लोगों का कहना कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार एक स्टैच्यू को बनाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च कर सकती है तो फिर महिलाओं के हित में लिए गए इस फैसले के लिए क्यों नहीं. इसी पर एक यूज़र ने ट्वीट कर लिखा- “3000 करोड़ की स्टैच्यू बनाना ठीक है पर महिलाओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सस्ता करना गलत है.”
3000 करोड़ का स्टेचू बनाना ठीक है पर महिलाओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सस्ता करना गलत है।#Logic
— Abhishek Gupta (@IACAbhi) June 3, 2019
इस ट्वीट में सत्ताधारी भाजपा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उनका कहना है जब नरेंद्र मोदी की सरकार करोड़ों रूपए खर्च करके गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति बनवा सकती तो उनके नेता महिलाओं को सुविधा देने वाले फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं.
क्या मूर्ति पर करोड़ों खर्च करने वाली केंद्रीय सरकार खुद दिल्ली की राज्य सरकार के इस फैसले में योगदान नहीं दे सकती? क्या मनोज तिवारी जिस पार्टी से आते हैं वो नहीं चाहती की महिलाओं की बेहतरी के लिए दिल्ली सरकार की मदद की जाए और इस फैसले के लिए और DTC बसों का प्रबंधन किया जाए?